राष्ट्रपति ने बेंगलुरु में इस्कॉन श्री राजाधिराज गोविंद मंदिर का उद्घाटन किया

President inaugurates ISKCON Sri Rajadhiraja Govinda Temple in Bengaluru
राष्ट्रपति ने बेंगलुरु में इस्कॉन श्री राजाधिराज गोविंद मंदिर का उद्घाटन किया
बेंगलुरु राष्ट्रपति ने बेंगलुरु में इस्कॉन श्री राजाधिराज गोविंद मंदिर का उद्घाटन किया
हाईलाइट
  • यह परियोजना तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम की प्रतिकृति है और श्रीला प्रभुपाद को उनकी 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया है

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को यहां आयोजित एक समारोह में इस्कॉन श्री राजाधिराज गोविंद मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन किया। यह परियोजना तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम की प्रतिकृति है और श्रीला प्रभुपाद को उनकी 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया है।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, मंदिर हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीकों में से रहे हैं। एक स्तर पर वे पवित्र स्थान हैं। वहां उपासक परमात्मा की उपस्थिति महसूस करते हैं, चाहे वह स्पंदनों के रूप में हो या ऊर्जा के रूप में या तीव्र भक्तिपूर्ण भावनाओं के आवेग के रूप में हो। ऐसे स्थान पर आकर कोई भी दुनिया और उसके शोर को पीछे छोड़ सकता है और शांति की अनुभूति कर सकता है। अन्य स्तर पर, मंदिर अक्सर पूजा स्थलों से और आगे के स्थान भी होते हैं। वे कला, वास्तुकला, भाषा तथा ज्ञान परंपराओं के संगम स्थल या पवित्र संगम के बिंदुओं की तरह होते हैं। उन्होंने कहा, संकट काल में आध्यात्मिक मदद चाहने वालों के लिए श्रीला प्रभुपाद के उपदेशों से ऐसा लगा होगा मानो किसी प्यासे व्यक्ति को बारिश की पहली बूंद की अनुभूति हो गई हो। शहर की सड़कों पर हरे कृष्णा का जाप एक सांस्कृतिक घटना बन गई।

राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीला प्रभुपाद के अनुसार, जरूरतमंदों की सेवा भी पूजा का ही एक रूप है और इसलिए इस्कॉन को समान रूप से मानवता संबंधी सेवाओं के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा, इस्कॉन, बेंगलुरु ने पिछले 25 वर्षो में लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला दिया है। भक्तों की कड़ी मेहनत और बंजर पहाड़ हरे कृष्णा पहाड़ी पर भव्य इस्कॉन श्री राधा कृष्णा मंदिर के रूप में रूपांतरित हो गई है। यहीं पर विश्व के सबसे बड़े एनजीओ अक्षय पात्र फाउंडेशन संचालित स्कूल लंच कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी।

राष्ट्रपति ने आगे कहा, यह आंदोलन श्रीला प्रभुपाद की इच्छा द्वारा प्रेरित थी कि कोई भी, विशेष रूप से कोई भी बच्चा कृष्णा मंदिर के दस मील के दायरे में भूखे पेट स्कूल न जाए। इसी पहल की प्रेरणा से देशभर में प्रतिदिन सरकारी स्कूलों के 18 लाख से अधिक बच्चे पौष्टिक ताजा मिड डे मील प्राप्त करते हैं। महामारी के दौरान भी अक्षय पात्र और उसके सहयोगी संगठनों ने 25 करोड़ से अधिक संकटग्रस्त लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। इस प्रकार की मानवतावादी सहायता उपायों से समाज के सभी वर्गो को लाभ पहुंचा है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, हमारे महान आध्यात्मिक नेताओं जैसे शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, माधवाचार्य और चैतन्य महाप्रभु ने हमें कई तरह के तरीके दिखाए। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भगवद गीता, जो ग्रंथ सभी हिंदुओं द्वारा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, वह अलग-अलग लोगों को उनकी योग्यता के आधार पर अलग-अलग सबक भी प्रदान करता है। 1 अगस्त से मंदिर को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

 

आईएएनएस

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Created On :   14 Jun 2022 9:30 PM IST

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