जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में सियासी बवंडर तेज, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने दिया इस्तीफा
- वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने पार्टी में बड़ा फेरबदल किया था और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। जिसके कुछ ही देर बाद गुलाम नबी आजाद ने उस पद से इस्तीफा दे दिया है।
अचानक गुलाम नबी आजाद के इस पद से इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासत गर्म हो गई है। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि आजाद ने किस वजह से इस्तीफा दिया है। अब जम्मू-कश्मीर सियासत में लोग इस मसले को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाना शुरू कर दिए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि गुलाम नबी आजाद व पार्टी के बीच आपसी खींचतान को लेकर यह कदम उठाया गया है।
— ANI (@ANI) August 16, 2022
कांग्रेस ने संगठन में किया था बदलाव
गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की तरफ से जम्मू-कश्मीर संगठन में बड़ा फेरबदल किया गया था। बताया जा रहा है कि संगठन को और मजबूती देने के लिए कई नई नियुक्तियां की गई थीं। कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था जबकि तारिक हामिद कर्रा को उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके साथ-साथ गुलाम नबी आजाद को राजनीतिक मामलों की समिति और समन्वय समिति का भी प्रमुख बनाया गया था। वहीं घोषणापत्र समिति का प्रमुख प्रो. सैफुद्दीन सोज और उपाध्यक्ष अधिवक्ता एमके भारद्वाज को बनाया गया था।
जबकि प्रचार और प्रकाशन समिति का अध्यक्ष मूला राम नियुक्त किया गया था। इसके कुछ ही घंटे बाद गुलाम नबी आजाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिससे बाद से कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गई। सियासी बाजार इस मसले को लेकर गरम है और जानने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर में ऐसा क्या हुआ कि गुलाम नबी आजाद अपने पद से इस्तीफा दे दिए। सवाल ये भी उठ रहे हैं क्या गुलाम नबी आजाब इस पद से खुश नहीं थे? हालांकि कांग्रेस पार्टी या फिर खुद गुलाम नबी आजाद की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं सामने आई है।
क्या सबकुछ ठीक नहीं चल रहा कांग्रेस में?
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने संगठन में बदलाव कर एक तरफ जहां वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को बड़ा पद दिया तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कुछ ही देर बाद अपने पद से इस्तीफा देकर सियासत में भूचाल ला दिया। इस पूरे प्रकरण को लेकर लोगों के मन में सवाल उठना शुरू हो गए हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी और आजाद के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? क्योंकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती हैं कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कांग्रेस गुलाम नबी के ही नेतृत्व में लड़े। फिर गुलाम नबी की तरफ से लिया गया फैसला या तो पार्टी या फिर खुद गुलाम नबी आजाद ही बता सकते हैं। अब सभी की निगाहें इस बात को लेकर टिकी है कि गुलाम नबी इस फैसले पर क्या जवाब देते हैं।
Created On :   16 Aug 2022 11:02 PM IST