जनादेश 2019: 'नमो' की ऐतिहासिक जीत, प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी 300 पार
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। जनादेश 2019 ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मोदी का असर बरकारार है। 2014 की लहर अब सुनामी में तब्दील हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर ये चुनाव लड़ा और प्रचंड बहुमत के साथ महाविजय हासिल की। मोदी की जीत का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बराबरी कर ली है। मोदी देश के पहले ऐसे गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री बने हैं जिन्होंने दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। 48 साल पहले जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने ऐसी जीत हासिल की थी।
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मोदी की "अटल" लहर जैसे ही सुनामी में बदली बड़े-बड़े दिग्गजों के किले ढह गए। क्या राजा, क्या महराजा जो भी इस सुनामी के सामने आया बह गया। इस बार एनडीए 351 सीटों के आंकड़े पर पहुंच गया है। बीजेपी ने पहली बार 303 सीटों के आकंड़े को छुआ है। इससे पहले साल 2014 के चुनाव में अकेले बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। एनडीए के साथ 336 सीटों पर मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी थी।
मोदी है तो मुमकिन है...चुनाव के पहले यह महज एक नारा था, लेकिन नतीजे आने के बाद यह हकीकत साबित हुआ। नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए को अगर 2019 में 2014 बड़ी जीत मिली है तो इस जीत के महानायक सिर्फ मोदी हैं। जिनके आगे न जात-धर्म की दीवार टिक पाई न कोई महागठबंधन जीत पाया।
अमेठी ने चौंका दिया
लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चौकाने वाला नतीजा उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से आया। राहुल गांधी के गढ़ वाली इस सीट पर बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 55 हजार 120 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। हालांकि राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से 4 लाख 31 हजार वोटों से जीत हासिल की है। अमेठी सीट को लेकर एक रोचक बात ये भी है कि इस सीट पर हर 21 साल में कांग्रेस को हार हाथ लगती है। 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी सीट पर यह तीसरा मौका है, जब कांग्रेस पार्टी हार गई है। पहली बार वर्ष 1977 में इंदिरा गांधी की ओर से आपातकाल लगाने के बाद देशभर में कांग्रेस विरोधी लहर में संजय गांधी अमेठी सीट से हार गए थे। 21 साल बाद वर्ष 1998 में कांग्रेस नेता कैप्टन सतीश शर्मा भाजपा के संजय सिंह से हार गए। 1988 के 21 वर्ष बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अमेठी से चुनाव हार गए।
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यूपीए ने छुआ पाया 100 का आंकड़ा
लोकसभा चुनाव में दूसरी बार ऐसा होने जा रहा है जब कांग्रेस के पास विपक्ष का पद नहीं होगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद लेने के लिए 10 फीसदी सीटें चाहिए। यानी 543 लोकसभा में से कुल 55 सीटें होना जरुरी है, लेकिन कांग्रेस को इस बार 52 सीटें मिली हैं, ऐसे में विपक्ष का नेता कौन होगा कहना मुश्किल है।
जीत के बाद मोदी के तीन अहम वादे
1.मेरे काम में गलती हो सकती है, लेकिन बदइरादे या बदनीयत से कोई काम नहीं करुंगा
2.मैं मेरे लिए कुछ नहीं करुंगा
3.मेरा पल-पल और मेरा कण-कण देशवासियों को समर्पित होगा
चुनाव के बड़े फैक्ट
- भाजपा ने देश के आठ राज्यों में सारी सीटों पर कब्जा जमाया
- 14 राज्य में कांग्रेस एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई, केरल राज्य में उसने दहाई का अंक छुआ है।
- 102 भाजपा प्रत्याशी 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीते हैं।
- 15 भाजपा प्रत्याशी 5 लाख के अंतर जीते हैं।
- देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री और 9 पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिली हार
- अमित शाह ने 120 वर्तमान सांसदो के टिकट काटे, जिन्हें टिकट दिया उनमें से 100 नए प्रत्याशी जीते
- मुस्लिम बाहुल्य 96 सीटों में से 46 पर भाजपा ने हासिल की जीत सिर्फ 11 पर जीतीं कांग्रेस
- 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश राज्य में कांग्रेस ने एकमात्रा सोनिया गांधी की रायबरेली सीट पर जीत हासिल की
Created On :   24 May 2019 10:51 AM IST