हिजाब शिक्षा जितना ही महत्वपूर्ण, हम इसके बिना कॉलेज नहीं जाएंगे

Petitioner girl students says Hijab as important as education, we wont go to college without it
हिजाब शिक्षा जितना ही महत्वपूर्ण, हम इसके बिना कॉलेज नहीं जाएंगे
याचिकाकर्ता छात्राएं हिजाब शिक्षा जितना ही महत्वपूर्ण, हम इसके बिना कॉलेज नहीं जाएंगे
हाईलाइट
  • कहा - संविधान अच्छा है
  • लेकिन इसे चलाने वाले लोग नहीं हैं

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है, लेकिन विरोध प्रदर्शन शुरू करने वाली कॉलेज की छह याचिकाकर्ता छात्राओं ने मंगलवार को दावा किया कि उनके लिए हिजाब शिक्षा जितना ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि वे किसी भी कीमत पर हिजाब नहीं छोड़ेंगी और अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगी। अलमास ने कहा, हम अपने ही देश से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। वे सिर्फ इतना कह रहे हैं कि हिजाब महत्वपूर्ण नहीं है। जबकि कुरान स्पष्ट रूप से कहता है कि हिजाब अनिवार्य है।

एक अन्य छात्रा याचिकाकर्ता आलिया असदी ने कहा, अगर हमें परीक्षा देने की अनुमति दी जाती है, तो उन्हें हमें हिजाब के साथ अनुमति देने की आवश्यकता है। अन्यथा हम कक्षाओं में शामिल नहीं होंगे। हम हिजाब के बिना कॉलेज नहीं जाएंगे।

उन्होंने कहा, संविधान अच्छा है, लेकिन इसे चलाने वाले लोग नहीं हैं। हम मानसिक रूप से आहत हैं।

उन्होंने कहा, अगर हिजाब जरूरी नहीं होता तो हम आंदोलन नहीं करते। कुरान में स्पष्ट रूप से हिजाब का जिक्र है। अगर हिजाब जरूरी नहीं होता तो हम इसे नहीं पहनते।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और इसी वजह से इसे सांप्रदायिक बना दिया गया है।

अलमास ने कहा, यह हिजाब पर रोक नहीं है, यह हमारी शिक्षा पर रोक है। डॉ. बीआर अंबेडकर अगर जिंदा होते तो वे यह दुर्दशा देखकर रो पड़ते।

उन्होंने कहा, हमें हिजाब को लेकर न्याय नहीं मिला। हमें अपना संवैधानिक अधिकार मिलने की उम्मीद थी। हम अपने वकीलों से बात करेंगे और कुछ दिनों में फैसला लेंगे। हमने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।

(आईएएनएस)

Created On :   15 March 2022 6:30 PM IST

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