फिर खुल सकती है महात्मा गांधी हत्याकांड की फाइल, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महात्मा गांधी की मृत्यु के 70 साल बाद उनकी हत्या का केस फिर से खोला जा सकता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई 30 अक्टूबर को की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका मुंबई के अभिनव भारत ट्रस्ट के शोधार्थी और ट्रस्टी पंकज फडनिस ने दायर की है। पंकज के द्वारा याचिका में कुछ सवाल मुख्य रुप से उठाए गए हैं। याचिका में दावा किया गया है कि गांधी जी की हत्या की फाइल फिर से खुलेगी तो उनकी हत्या की साजिश का बड़ा खुलासा हो सकता है। साथ ही याचिका में यह भी पुछा गया है कि गांधी जी की मौत के लिए विनायक दामोदर सावरकर को जिम्मेदार ठहराने का कोई वाजिब आधार है भी या नहीं? इस याचिका में यह भी पूछा गया कि क्या यह इतिहास में मामला ढकने की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है?
क्या है अभिनव भारत
जिस ट्रस्ट की ओर से इस याचिका को दायर किया गया है वह अभिनव भारत ट्रस्ट के नाम से जाना जाता है, जिसकी स्थापना 2001 में की गई थी। इसे वीर सावरकर से प्रेरित होकर स्थापित किया गया था। माना जाता है कि वीर सावरकर और गांधी की आपस में बनती नहीं थी। साथ ही वे अखण्ड भारत के पक्ष में भी थे। उन्हें कट्टर हिंदुवादी के रुप में भी जाना जाता था। इसी वजह से उन पर गांधी की हत्या में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं।
हत्या पर बना हुआ है संशय
गौरतलब है कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद दो दोषियों को 15 नवंबर 1949 के दिन फांसी दे दी गई थी। साथ ही सबूतों के अभाव में सावरकर को संदेह के घेरे में रखा गया। वहीं कहा जाता है कि गांधी जी पर तीन गोलियां नहीं चार गोलियां चलाई गई थी, जिसमें से तीन गोलियां गोडसे ने चलाई, पर चौथी गोली किसने चलाई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। इसके लिए 1966 में जस्टिस जे एल कपूर ज्यूडिशियल कमीशन भी गठित किया गया था, लेकिन यह कमीशन भी हत्या की गुत्थी सुलझाने में कामयाब नहीं रहा। जिसके बाद आजतक गांधी की हत्या पर संशय बना हुआ है।
Created On :   6 Oct 2017 9:17 PM IST