एस जयशंकर ने पाकिस्तान को बताया आतंकवाद का केंद्र, यूरोपीय देशों को भी जमकर लताड़ा, वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
- मैं इससे भी कड़े शब्दों का प्रयोग कर सकता था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत हमेशा से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को आंतकवाद को लेकर घेरता रहा है। भारत अक्सर पाक के मनसूबों का कच्चा चिठ्ठा अंतर्रराष्ट्रीय मंचों पर खोलता रहता है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को कई मौकों पर पाकिस्तान को लेकर आक्रामक होते देखा गया है। विदेश मंत्री का ऐसा ही एक आक्रामक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें जयशंकर आंतकवाद को बढ़वा देने वाले मुल्क पाकिस्तान और भारत-रूस के संबंध पर बोलते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, यह वीडियो ऑस्ट्रिया में दिए गए एक इंटरव्यू का हैं। जहां उन्होंने पाक समेत कई अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की है।
आंतकवाद का केंद्र है पाकिस्तान
दरअसल, बीते कुछ दिनों पहले ही एस जयशंकर ने पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि, पाक एक आंतकवाद का केंद्र है, जो भारतीय सीमा में घुसकर सामान्य परिस्थितियों को बिगाड़ने का भरपूर प्रयास करता रहता है, लेकिन भारतीय सेनाओं के पराक्रम की वजह से उसके मंसूबों पर पानी फिर जाता है। ऑस्ट्रिया में दिए गए इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान पर किए गए इस प्रहार को लेकर जयशंकर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "मैं इससे भी कड़े शब्दों का प्रयोग कर सकता था।" जिसके बाद एंकर ने कहा कि ये शब्द डिप्लोमेटिक तो नहीं है। जिसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि "आप एक राजनायिक हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बातों को घुमा फिराकर कहें।" उन्होंने आगे कहा, "मैं केंद्र से अधिक कड़े शब्दों का उपयोग कर सकता था इसलिए यकीन करें कि जो कुछ हमारे साथ घट रहा है, उसको देखते हुए केंद्र ज्यादा डिप्लोमेटिक शब्द है।"
यूरोपीय देशों पर कहर बनकर बरपे जयशंकर
ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को दिए गए इस इंडरव्यू में जयशंकर ने कहा कि, "दुनिया को आंतकवाद को लेकर चिंता करने की जरूरत है क्योंकि आज ये पूरे दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। लेकिन यूरोपीय देश कभी भी इसकी आलोचना नहीं करते।" इसके बाद जयशंकर ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, "यह एक ऐसा देश है जिसने कुछ सालों पहले भारत की संसद पर हमला किया था, जिसने मुंबई शहर पर अटैक किया, जिसने होटलों और विदेशी पर्यटकों को टारगेट किया और जो रोज सीमापार से आतंकियों की खेप भेजता है। अगर दिनदहाड़े शहरों में आतंकी अड्डे चल रहे हों, भर्तियां और फंडिंग हो रही हो तब आप बताइए कि क्या पाकिस्तान की सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी कि क्या हो रहा है? खासतौर पर तब जब सैन्य स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा हो। लेकिन जब हम फैसले और सिद्धांतों की बात करते हैं, तो यूरोप इसकी कड़ी आलोचना क्यों नहीं करता, जो दशकों से चल रहा है।"
— AZ (@AZgeopolitics) January 3, 2023
दुनिया आंतकवाद को लेकर चिंतित नहीं?
गौरतलब है कि इंटरव्यू में जयशंकर से पूछा गया कि क्या दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने की आंशका से चिंतित होने की जरूरत है? हालांकि, इस सवाल का जवाब जयशंकर ने बड़े डिप्लोमेटिक तरीके से देते हुए कहा कि "मैं समझता हूं कि दुनिया को आतंकवाद के बारे में चिंतित होना चाहिए। दुनिया को इस बात से चिंतित होना चाहिए कि आतंकवाद जारी है, लेकिन अक्सर दुनिया कहीं और देख रही होती है। दुनिया भर के देश अक्सर यह सोचते हैं कि यह उनकी समस्या नहीं है क्योंकि यह किसी दूसरे देश में हो रहा है।"
दरअसल पाकिस्तान को लेकर विदेश मंत्री ने पिछले ही दिनों कहा था कि "सीमा पार से हो रही आंतकी घटनाएं किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रह सकती है। वो भी जब नशीले कारोबार और हथियारों की तस्करी अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की गहराई से जुड़ा हो।" उन्होंने बिना किसी देश का नाम लेते हुआ कहा था, "चूंकि इसका केंद्र भारत के काफी करीब है, ऐसे में स्वाभाविक तौर पर हमारा अनुभव दूसरों के लिए उपयोगी हो सकता है।"
रूस से संबंध पर कहा?
वहीं इसी इंटरव्यू के दौरान जब एंकर उनसे रूस-भारत के संबंध और उससे खरीदे गए सैन्य हथियारों के बारे में पूछा और कहा कि आप कभी रूस की आलोचना क्यों नहीं करते हैं? क्योंकि वो आपका महत्वपूर्ण सप्लायर है। इसके जवाब में जयशंकर ने इतिहास को याद दिलाते हुए कहा कि, "रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं और लंबे समय से चली आ रही दोनों देशों का संबंध ऐसे समय में बने जब पश्चिमी देशों ने सैन्य तानाशाही वाले मुल्क पाकिस्तान को हथियार दिए थे।" विदेश मंत्री ने सिद्धांतों को याद दिलाते हुए कहा कि "थोड़ा इतिहास खंगाल लेना चाहिए। जो लोग भारत व रूस के रिश्ते के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, उन्हें सबसे पहले समझना होगा कि कैसे पहले पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों ने फैसला किया था कि दुनिया में उनका स्वाभाविक सहयोगी सैन्य तानाशाही वाला पाकिस्तान है।" बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री ने आंतकवाद को लेकर जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है। जिसके खिलाफ वो हमेशा से मुखर होकर बोलते रहे हैं।
Created On :   3 Jan 2023 3:21 PM GMT