कार्रवाई: पाक जा रहे चीनी जहाज में मिसाइल लॉन्चिंग प्रणाली होने का शक, जांच में जुटी DRDO टीम
- कस्टम विभाग ने 3 फरवरी को कांडला बंदरगाह पर रोका था जहाज
- जिस बंदरगाह जा रहा था जहाज
- वहां से पाक मिसाइल कार्यक्रम चलाता है
- संदिग्ध 'ऑटोक्लेव' की जांच कर चुकी है DRDO की टीम
डिजिटल डेस्क, गांधीधाम। भारतीय कस्टम विभाग की टीम ने दो सप्ताह पहले पाकिस्तान जा रहे चीनी जहाज ‘द कुइ युन’ को गुजरात के कांडला बंदरगाह के पास रोका था। हांगकांग के झंडे वाले इस जहाज में एक ऐसी मशीन मिली है, जिसका इस्तेमाल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल की लॉन्चिंग में किया जाता है। यह जहाज कराची के कासिम बंदरगाह जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों की एक टीम पहले ही जांच कर चुकी है और सोमवार को एक और टीम इसकी जांच करेगी।
कस्टम विभाग ने 3 फरवरी को गुजरात के कांडला बंदरगाह के पास इस जहाज को रोका था। कस्टम विभाग की कार्रवाई के बारे में देश की उच्च जांच एजेंसियों को भी अवगत कराया गया है। हालांकि उच्च अधिकारियों ने इस बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
संदिग्ध "ऑटोक्लेव" की जांच कर चुकी है DRDO की टीम
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, जहाज के क्रू मेंबर्स यह दावा कर रहे हैं कि यह उपकरण औद्योगिक ड्रायर है। लेकिन, DRDO को शुरुआती जांच में यह लगता है कि यह ऑटोक्लेव है, जिसका इस्तेमाल मिसाइल लॉन्च करने के लिए होता है। इसकी लंबाई लगभग 17-18 मीटर और चौड़ाई करीब 4 मीटर है। अगर यह ऑटोक्लेव पाया गया तो चालक दल और जहाज के मालिक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत कार्रवाई होगी।
जिस बंदरगाह जा रहा था जहाज, वहां से पाक मिसाइल कार्यक्रम चलाता है
जहाजों के रूट पर नजर रखने वाली एक वेबसाइट के मुताबिक यह जहाज जियांगयीन पोर्ट से 17 जनवरी, 2020 को रवाना हुआ था और 3 फरवरी से कांडला में रुका हुआ था। इसमें चालक दल समेत कुल 22 लोग सवार हैं। यह जहाज कराची के पोर्ट कासिम जा रहा था, जहां पाकिस्तान का अंतरिक्ष एवं ऊपरी वायुमंडल अनुसंधान आयोग है। पाक का बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम यहीं से चलता है।
Created On :   17 Feb 2020 11:18 PM IST