एडमिरल ने नकारे मोदी के दावे, कहा- राजीव ने नहीं किया INS विराट का निजी उपयोग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन दावों को नौसेना स्टाफ के पूर्व प्रमुख एडमिरल एल रामदास ने खारिज किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गांधी ने आईएनएस विराट का उपयोग छुट्टी मनाने के लिए व्यक्तिगत टैक्सी की तरह किया। एडमिरल रामदास ने पीएम मोदी के दावे के बाद गुरुवार को एक प्रेस रिलीज जारी की, जिसमें उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की लक्षद्वीप यात्रा आधिकारिक थी, वह पिकनिक पर नहीं थे।
एल रामदास ने कहा, "गांधी परिवार के निजी इस्तेमाल के लिए कोई भी जहाज विशेष रूप से नहीं भेजा गया था। पीएम और उनकी पत्नी की किसी भी आपातकालीन चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल एक छोटा हेलीकॉप्टर कावराटी में दिया गया था।" 32 साल पुरानी दिसंबर 1987 की इस घटना पर एडमिरल रामदास ने आईएनएस विराट के तत्कालीन कैप्टन और वाइस एडमिरल विनोद पसरीचा, आईएनएस विंध्यागिरी के कमांडिंग अफसर एडमिरल अरुण प्रकाश और आईएनएस विराट के साथ चल रहे आईएनएस गंगा के कमांडिंग अफसर वाइस एडमिरल मदनजीत सिंह के बयानों का भी हवाला दिया।
एल रामदास ने कहा, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी आईएनएस विराट पर त्रिवेंद्रम से लक्षद्वीप जाने के लिए सवार हुए थे। लक्षद्वीप में आईलैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी की मीटिंग की अध्यक्षता करने के लिए राजीव गांधी वहां गए थे। रामदास ने कहा, उस समय पीएम और उनकी पत्नी के लिए आईएनएस विराट पर डिनर भी आयोजित किया गया था। इसके अलावा विराट पर कोई अन्य पार्टी नहीं हुई न ही वहां कोई विदेशी शख्स था। उन्होंने यह भी लिखा कि इस बात की पुष्टि करने के लिए एक तस्वीर है। बयान में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी हेलीकॉप्टर से स्थानीय लोगों से मिलने के लिए कुछ आईलैंड पर गए थे लेकिन राहुल उनके साथ नहीं थे।
बता दें कि बुधवार को दिल्ली में एक रैली में पीएम ने कहा था, देश की रक्षा करने वालों को अपनी जागीर कौन समझता रहा है। ये भी मैं आज दिल्ली की धरती से उन लोगों की आंख में आंख मिलाकर देश और दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं। क्या आपने सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाये? आप इस सवाल से हैरान मत होइये, ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है। कांग्रेस के नामदार परिवार ने आईएनएस विराट का व्यक्तिगत टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया, उसका अपमान किया था। ये बात तब की है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और10 दिन की छुट्टियां मनाने निकले थे।
राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों मे, उनके ससुराल वाले यानि इटली वाले भी शामिल थे। सवाल ये कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया गया था? या सिर्फ इसलिए क्योंकि वो राजीव गांधी की ससुराल के लोग थे। जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तब देश की सुरक्षा दांव पर लग ही जाती है। जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की चिंता भी नहीं रह जाती।
Created On :   9 May 2019 6:47 PM IST