मी टू मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर और प्रिया रमानी में नहीं हुई सुलह, अदालत ने पूछा क्या बातचीत से समझौता होने की कोई गुंजाइश है?

MJ Akbar, Journalist Priya Ramani Refuse Settlement In Defamation Case
मी टू मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर और प्रिया रमानी में नहीं हुई सुलह, अदालत ने पूछा क्या बातचीत से समझौता होने की कोई गुंजाइश है?
मी टू मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर और प्रिया रमानी में नहीं हुई सुलह, अदालत ने पूछा क्या बातचीत से समझौता होने की कोई गुंजाइश है?
हाईलाइट
  • पत्रकार प्रिया रमानी ने अदालत को बताया कि वह अपने बयान के साथ खड़ी हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पत्रकार प्रिया रमानी ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि वह अपने बयान के साथ खड़ी हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर द्वारा उनके यौन उत्पीड़न के आरोप के खिलाफ दायर मानहानि मामले में समझौता होने की कोई संभावना नहीं है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की। अदालत ने पूछा कि क्या दोनों पक्षों के वकीलों के पास बातचीत से समझौता होने की कोई गुंजाइश है?

मंगलवार को हुई अदालती कार्यवाही के दौरान अकबर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने कहा कि यदि प्रिया रमानी अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए माफी मांगती हैं तो वह अपने मुवक्किल से मामले को बंद करने के लिए कहेंगी। वहीं, प्रिया की ओर से पेश वकील भावुक चौहान ने कहा कि हालांकि उनकी मुवक्किल अपने बयान पर कायम हैं और यदि अकबर शिकायत वापस लेना चाहते हैं, तो वह भी ऐसा कर सकते हैं।

पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर पर तब आरोप लगाया था जब 2018 में मी टू आंदोलन जोर पकड़ रहा था। रमानी ने तब अकबर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लगभग 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था। अकबर ने तब केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और रमानी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर की। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं और इससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।

Created On :   24 Nov 2020 6:16 PM GMT

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