मेघालय: खदान में 15 दिन से फंसे हैं मजदूर, आने लगी बदबू
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- 13 दिसंबर से खदान में फंसे हैं मजदूर
- एनडीआरएफ
- एसडीआरएफ भी जुटे बचाव कार्य में
- खुदाई करने 350 फीट गहरी खदान में उतरे थे
डिजिटल डेस्क, शिलॉन्ग। मेघालय के जयंती हिल्स जिले में पिछले पंद्रह दिनों से कोयला खदान में फंसे मजदूरों को अब तक नहीं निकाला जा सका है। खदान में भरे पानी को निकालने के लिए 20 हाईपावर पंप लेकर वायुसेना का एक विमान शुक्रवार को रवाना हुआ है, हालांकि इसे आने में 4 दिन का समय लग सकता है। साथ ही ओडिशा से एक 20 सदस्यीय टीम भी बचाव अभियान के लिए रवाना हो गई है। बता दें कि 13 दिसंबर को 350 फीट गहरी इस खदान में पानी भर गया था, जिसके बाद मजदूर इसमें फंस गए थे।
फायर सर्विस के महानिदेशक बीके शर्मा के मुताबिक एयरफोर्स के विमान में हाईपावर पंपों के साथ ही बचाव के कई अन्य उपकरण भी हैं। इन पंपों की क्षमता 1 मिनट में 1600 लीटर पानी बाहर फेंकने की है। उड़ीसा की फायर टीम का भी इस अभियान में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है। टीम को इस तरह के हालातों से निपटने का काफी अनुभव है। टीम के पास मशीनें और आधुनिक उपकरण भी हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें भी अभियान में जुटी हुई हैं। निजी कंपनी किर्लोस्कर ने भी अभियान में सहयोग करने की पेशकश की है। इस कंपनी ने ही थाइलैंड की गुफा में फंसी फुटबॉल टीम को बचाने उपकरण भेजे थे।
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बता दें कि मजदूर पूर्वी जयंतिया हिल्स की खदान में खुदाई के लिए उतरे थे। इस दौरान ही पास बहने वाली लैटीन नदी का पानी खदान में भर गया। इस पानी को निकालने के लिए पंप भी मंगाए गए थे, लेकिन ये नाकाफी साबित हुए।
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एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट संतोष सिंह के मुताबिक खदान में पानी की स्थिति का पता लगाने के लिए क्रेन के सहारे एक गोताखोर को उतारा गया था। गोताखोर ने 15 मिनट बाद सीटी बजाई तो उसे वापस ऊपर खींच लिया गया। पहली बार बचावकर्मी ने खदान से बदबू आने की बात कही। उन्होंने कहा कि थाईलैंड में फंसे बच्चों के मुकाबले यहां की स्थितियां ज्यादा मुश्किल हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो एनडीआरएफ ने जिला प्रशासन से 100 हॉर्स पावर के पंप की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
Created On :   28 Dec 2018 4:39 PM IST