जानिए 21 मई को ही क्यों मनाया जाता है 'आतंकवाद विरोधी दिवस'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरी दुनिया जिन समस्याओं से जूझ रही है, उनमें सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है। भारत समेत कई देशों को आज भी आतंकवाद की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आतंकवाद जैसी समस्या से निपटने के लिए भारत ने 21 मई का दिन ही इसको समर्पित कर दिया है। हर साल 21 मई को पूरे देश में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को आतंकवाद के समाज विरोधी कृत्य से लोगों को अवगत कराना है।
राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस
राजीव गांधी की हत्या के बाद 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया। इस दिन हर सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों और अन्य सरकारी संस्थानों में आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है। आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है। इसी उद्देश्य से स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों में आतंकवाद और हिंसा के खतरों पर परिचर्चा, वाद-विवाद, संगोष्ठी, सेमीनार और व्याख्यान आदि का आयोजन किया जाता है।
आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का मकसद
आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का मकसद देश में शांति और मानवता का संदेश फैलाना, लोगों के बीच एकता को बढ़ावा देना, आतंकी गुटों और वे कैसे आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाते हैं, उसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है। इस दिन युवाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे आतंकी गुटों में शामिल न हों। देश में आतंकवाद, हिंसा के खतरे और उनके समाज, लोगों और पूरे देश पर खतरनाक असर के बारे में जागरूकता पैदा करना।
लिट्टे उग्रवादियों ने की थी राजीव गांधी की हत्या
21 मई 1991 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हत्या कर दी गई थी। राजीव गांधी के सम्मान में और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए 21 मई का दिन 'आतंकवाद विरोधी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। गौरतलब है कि लिट्टे उग्रवादियों ने 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जान ले ली थी। श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज तमिल विद्रोहियों ने तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला किया था। लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए राजीव श्रीपेरंबदूर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान राजीव गांधी के पास एक महिला फूलों का हार लेकर पहुंची और उनके बहुत करीब जाकर अपने शरीर को बम से उड़ा दिया। धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर लोगों के मौके पर ही परखच्चे उड़ गए। महिला का संबंध आतंकवादी संगठन लिट्टे से ही था। धमाके में राजीव गांधी समेत करीब 25 लोगों की मौत हो गई थी।
Created On :   21 May 2019 10:19 AM IST