नागरिकता कानून का विरोध: बंगाल पहुंची असम की आग, भीड़ ने 15 बसें और एक रेलवे स्टेशन जलाया
डिजिटल डेस्क, कोलकाता/गुवाहाटी। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध असम से शुरू होकर पूर्वोत्तर राज्यों से बढ़कर पूरे देश फैल रहा है। यही नहीं यह विरोध प्रदर्शन दिन-प्रतिदिन उग्र रूप धारण करता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में तो प्रदर्शनकारियों ने करीब 15 बसों और एक रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया। ऐसे में प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने लोगों से अपील की है कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करें और कानून हाथ में न लें।
जानकारी अनुसार शनिवार को मुर्शिदाबाद, उत्तरी 24 परगना और ग्रामीण हावड़ा में हिंसक घटनाओं की खबरें मिली हैं। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम करते हुए हावड़ा में कोना एक्सप्रेसवे पर सरकारी और निजी 15 बसों को आग के हवाले कर दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग 6 (मुंबई रोड) और 2 (दिल्ली रोड) को कोलकाता से जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे पर एक पुलिस वैन भी जला दी गई।
इसके अलावा भीड़ ने संकराइल स्टेशन कॉम्पलेक्स पर धाबा बोल दिया। यहां आगजनी और तोड़फोड़ की। इस दौरान आरपीएफ के जवानों से मारपीट भी की गई। स्टेशन मास्टर के कमरे में तोड़फोड़ की गई और सिग्नल केबिन भी क्षतिग्रस्त कर दी गई। प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद में उत्तरी और दक्षिणी बंगाल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 34 को ब्लॉक कर दिया और सुती पर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट की तीन बसों में जमकर तोड़फोड़ की। पूर्वी रेलवे ने सियालदह-हसनाबाद के बीच ट्रेन सेवा रद्द कर दी है।
जानकारी अनुसार प्रदर्शनकारियों दोपहर को हावड़ा में कोना हाईवे जाम कर दिया था। पुलिस ने उन्हें खदेड़ा तो 15 बसों में आग लगा दी। इस दौरान पथराव में एक पुलिसकर्मी जख्मी हुआ। प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर मुर्शिदाबाद में नजर आया। विरोध कर रहे लोगों ने शुक्रवार को यहां के बेलदंगा स्टेशन और लोको एरिया में आगजनी की थी। इस दौरान आग बुझाने आ रही दमकल की गाड़ी भी जला दी गई थी।
हालात की गंभीरता को देखते हुए दक्षिण पूर्वी जोन में कई स्टेशनों पर 8 एक्सप्रेस समेत 20 ट्रेनें रोक दी गईं। वहीं, हावड़ा से रवाना होने वाली 10 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गईं। दिल्ली में भी प्रदर्शनों को देखते हुए एहतियातन जनपथ मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश और निकासी बंद कर दी गई। घटनाओं से लोगों में दहशत का माहौल है। प्रदर्शनकारियों के उपद्रव को देखते हुए रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात की गई है। निमतिता स्टेशन पर भी उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गई है।
किसी भी रूप में सार्वजनिक और निजी संपत्ति के साथ बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा। हम सभी से लोकतांत्रिक साधनों के माध्यम से नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध करने का आग्रह करते हैं।
West Bengal CM Mamata Banerjee: Vandalising public as well as private property in any form will not be tolerated will strictly be dealt according to law. We urge all to protest against #CitizenshipAmendmentActNational Register of Citizens (NRC) through democratic means. pic.twitter.com/DaxgjSd9w6
— ANI (@ANI) December 14, 2019
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मैं राज्य के लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने और उसी की ओर काम करने की अपील करता हूं।
Assam Chief Minister Sarbananda Sonowal: I appeal to the people of the state to maintain peace and harmony, and work towards the same. #CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/hVGbfaCM8w
— ANI (@ANI) December 14, 2019
असम में 7 घंटे कर्फ्यू में ढील दी गई
उधर, पूर्वोत्तर के राज्यों में 6 दिन से नागरिकता कानून के विरोध में उग्र प्रदर्शन जारी है। असम में शनिवार को कर्फ्यू में 7 घंटे (सुबह 9 बजे से 4 बजे तक) की ढील दी गई। हालांकि, इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने 3 दिन के लिए सत्याग्रह का ऐलान किया। नगा स्टूडेंड्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने शनिवार को 6 घंटे के लिए बंद बुलाया है। त्रिपुरा और मेघालय में तीसरे दिन भी टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक रही। रेलवे ने गुवाहाटी में फंसे पर्यटकों और यात्रियों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाईं। शुक्रवार को भी फुर्कटिंग और डिब्रूगढ़ के बीच स्पेशल ट्रेन चली थी।
तीन देशों ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की
पूर्वोत्तर में जारी विरोध के चलते अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। अमेरिकी एडवाइजरी में कहा गया कि उसने अस्थाई तौर पर असम की आधिकारिक यात्रा भी स्थगित कर दी है। उधर, प्रदर्शन के बाद दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 42 छात्रों को हिरासत में लिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी परीक्षाएं आगे बढ़ा दी हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में 16 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा।
इंटरनेशनल इवेंट्स पर भी विरोध का असर
पूर्वोत्तर के राज्यों में जारी उग्र विरोध के चलते जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15-16 दिसंबर को गुवाहाटी में होने वाली मुलाकात टाल दी गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन, गृह मंत्री असदुज्जामन खान ने भी भारत दौरा रद्द कर दिया।
5 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा- नहीं लागू होने देंगे कानून
गृह मंत्री अमित शाह का शिलॉन्ग दौरा भी रद्द कर दिया गया। उन्हें रविवार को यहां एक कार्यक्रम में शामिल होना था। पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे। इस पर केंद्र के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि केंद्रीय कानून को लागू करने से राज्य इनकार नहीं कर सकते।
छात्र संगठन और तृणमूल कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए
भाजपा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, गुवाहाटी और लखनऊ में 14-18 दिसंबर के बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी। उधर, आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र संगठन ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। संगठन के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने असम के लोगों के साथ धोखा किया। तृणमूल सांसद महुआ मित्रा ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून को चुनौती दी है।
राजद ने 21 दिसंबर को बिहार बंद बुलाया
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने नागरिकता कानून के विरोध में 21 दिसंबर को बंद बुलाया है। पहले यह 22 दिसंबर को रविवार को होना था, मगर पुलिस भर्ती परीक्षाओं को देखते हुए इसे एक दिन पहले करने का फैसला किया गया।
गोएयर टिकट रद्द करने पर शुल्क नहीं लेगी
एयरलाइंस कंपनी गोएयर ने एलान किया है कि वह यात्रियों से अपने टिकटों को रद्द करने या फिर यात्राओं की तिथियों में बदलाव करने पर कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगी। कंपनी ने यह सुविधा रविवार तक के लिए गुवाहाटी से रवाना होने वाली उड़ानों के लिए दी है।
18 को सुप्रीम कोर्ट कर सकता है सुनवाई
नागरिकता (संशोधन) कानून की सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 18 दिसंबर को सुनवाई कर सकता है। वहीं एआईएमआईएम प्रमुख व लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता टीएन प्रथापन ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस कानून को चुनौती दी है।
Created On :   14 Dec 2019 10:00 PM IST