महाराष्ट्र: उद्धव सरकार ने पास की दूसरी परीक्षा, कांग्रेस के नाना पटोले निर्विरोध बने स्पीकर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बहुमत परीक्षण में पास होने के बाद आज (रविवार) उद्धव सरकार ने दूसरी बड़ी चुनौती भी पर कर ली है। कांग्रेस के विधायक नाना पटोले महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। इससे पहले बीजेपी के उम्मीदवार किशन कठोरे ने रविवार को स्पीकर पद से अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद स्पीकर पद का चुनाव टल गया और नाना पटोले के निर्विरोध स्पीकर चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। नाना पटोले ने विधानसभा स्पीकर का पदभार भी संभाल लिया है।
The #MahaVikasAghadi candidate Congress leader Nana Patole has been elected as Maharashtra Assembly Speaker. pic.twitter.com/SAgE24kR0C
— ANI (@ANI) December 1, 2019
कांग्रेस नेता नाना साहब पटोले को निर्विरोध विधानसभा स्पीकार चुना गया है। पटोले के खिलाफ बीजेपी ने अपने स्पीकर कैंडिडेट का नाम वापस ले लिया है। बीजेपी ने इस पद के लिए किशन कठोरे का नाम प्रस्तावित किया था लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। सुबह साढ़े दस बजे नामांकन वापस लेने का वक्त तय था।
महाराष्ट्र में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को कहा था कि वह विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में भाग लेगी और इसके लिए उसने अपने विधायक किसन कठोरे को महा विकास अघाड़ी के प्रत्याशी नाना पटोले के खिलाफ उतारा है।
Chandrakant Patil, Maharashtra BJP President: BJP had nominated Kisan Kathore for the post of Maharashtra Assembly Speaker, yesterday. But, after incumbents" request, we have decided to withdraw Kathore"s candidature. pic.twitter.com/jQiOvd1PUB
— ANI (@ANI) December 1, 2019
कठोरे जहां ठाणे से निर्वाचित हुए हैं, वहीं पटोले भंडारा से विधायक हैं। कथोरे 2002 में ठाणे जिला परिषद अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। कठोरे 2004 में ठाणे जिले के अंबरनाथ से पहली बार एनसीपी के टिकट पर विधायक बने थे। उन्होंने मुरबाद सीट से 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्जी की। साल 2014 और 2019 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था। वहीं पटोले कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गये थे और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि, पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मतभेदों के बाद दिसंबर 2017 में भगवा पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस में लौट आए।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में जोरदार हंगामे के बीच शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अपनी पहली अग्निपरीक्षा को पास किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने शनिवार को यहां 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के महागठबंधन को विश्वास मत के लिए न्यूनतम 145 वोट की जरूरत थी, लेकिन उन्हें कुल 169 मत मिले। भाजपा के 105 विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया, जबकि चार विधायक तटस्थ रहे और उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
स्पीकर के चुनाव के अलावा अब उद्धव सरकार के कैबिनेट विस्तार पर भी नजर है। माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में उद्धव सरकार का कैबिनेट विस्तार होगा, जिसमें 14 मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार उद्धव सरकार में सीएम समेत शिवसेना के कुल 16 मंत्री, एनसीपी के 15 मंत्री और कांग्रेस के 12 मंत्री शामिल होंगे।
Created On :   1 Dec 2019 3:11 AM GMT