मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को 2 अक्टूबर को आरएसएस जुलूस को अनुमति देने का निर्देश दिया
- 28 सितंबर तक आरएसएस के जुलूस को अनुमति देने का निर्देश दिया
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तमिलनाडु पुलिस को 2 अक्टूबर को राज्यव्यापी मार्च और संगीत जुलूस निकालने के लिए आरएसएस को अनुमति देने का निर्देश दिया है।मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ का प्रतिनिधित्व न्यायमूर्ति जी.के. इलांथिरैयन ने मौखिक रूप से राज्य पुलिस को 28 सितंबर तक आरएसएस के जुलूस को अनुमति देने का निर्देश दिया। आरएसएस के पदाधिकारियों के एक समूह ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि तमिलनाडु पुलिस उनके संगठन को लेकर पहले से ही ग्रसित है और मार्च की अनुमति देने का अनुरोध नहीं मान रही है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि, आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है जो राज्य भर में 50 स्थानों पर संगीत जुलूसों के साथ मार्च निकालने की योजना बना रहा है। उन्होंने अदालत को यह भी सूचिना दी कि, कार्यक्रम 2 अक्टूबर को आयोजित किया जाना है क्योंकि संगठन के स्थापना दिवस 27 सितंबर के बाद यह पहला रविवार है। उन्होंने यह भी दावा किया कि, ये तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी का जन्मदिन भी होता है और आरएसएस राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम का संचालन कर रही है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मार्च का उद्देश्य सांप्रदायिक और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना था।
याचिकाकतार्ओं ने यह भी कहा कि, जुलूस में शामिल होने वाला कोई भी कार्यकर्ता कोई हथियार नहीं उठाएगा। मार्च की वजह से आम जनता को कोई असुविधा नहीं होगी। राज्य सरकार ने अपने तर्क में कहा कि, संगठन ने जहां कार्यक्रम का आयोजन होना है उन स्थलों का सटीक विवरण नहीं दिया है इसलिए पुलिस को अभी तक कोई निर्णय नहीं दिया गया है। मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मौखिक रूप से राज्य पुलिस को 28 सितंबर से पहले उचित प्रतिबंधों के साथ कार्यक्रम की अनुमति देने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि वह बाद में याचिकाओं पर विस्तृत आदेश देगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   22 Sept 2022 1:31 PM GMT