ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी - ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की करेगा मदद

Legal Committee of All India Muslim Personal Law Board will help Muslim side in Gyanvapi Masjid case
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी - ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की करेगा मदद
नई दिल्ली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी - ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की करेगा मदद
हाईलाइट
  • मुस्लिम पक्ष की हर संभव मदद

नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)। काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले व अन्य मसलों पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी एक्सिक्यूटिव कमेटी की आपात बैठक बुलाई, जिसमें कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं, क्योंकि मामला कोर्ट में है इसलिए बैठक में यह निर्णय लिया गया है बोर्ड की लीगल कमेटी केस को लड़ने में मुस्लिम पक्ष की हर संभव मदद करेगी।

दूसरा केंद्र सरकार सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों से 1991 के वर्शिप एक्ट पर उनका पक्ष जानेगी। इसके अलावा बोर्ड के मुताबिक, तमाम तरीके की बातों जनता के सामने अधूरा रखा जा रहा है। उसके लिए बोर्ड पैम्पलेट व बुक्स छपवाने का काम करेगी, जिनमें तथ्यों के साथ जानकारी हो और उन्हें जनता तक पहुंचाने का काम करेगी।

इस मीटिंग में ज्ञानवापी, टीपू सुल्तान मस्जिद समेत देश के अन्य मौजूदा मसलों पर चर्चा की गई, बैठक करीब 2 घण्टे चली, बोर्ड के 45 सदस्य ऑनलाइन माध्यम से एक दूसरे से जुड़े।

सूत्रों ने आईएएनएस को जानकारी देते हुए बताया कि, कोर्ट में केस होने के चलते बोर्ड की लीगल कमिटी मुस्लिम पक्ष की पूरी सहायता करेगी, वहीं मंगलवार को कोर्ट में जो बातें सामने आई हैं, उनपर काम कर आगे की मदद करेगी। साथ ही तमाम तरह की बातों को जनता तक पहुंचाया जा रहा है जिससे बटवारा हो, लेकिन जनता के सामने हमारी आवाज पहुंच नहीं पा रही, क्योंकि लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इसलिए हम पैम्पलेट, बुक्स व अन्य माध्यमों से डॉक्यूमेंटेशन करेंगे और जनता तक पहुंचाएंगे।

तीसरा हम केंद्र सरकार से व अन्य राजनीतिक पार्टियों से इस 1991 वर्शिप एक्ट कानून पर उनका पक्ष जानेंगे।

दरअसल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने पूजा स्थल कानून लेकर आई थी। इस कानून के मुताबिक 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। अयोध्या का मामला उस वक्त कोर्ट में था इसलिए उसे इस कानून से अलग रखा गया था।

इसके अलावा बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला लिया गया है, बांकी बुधवार को बोर्ड विस्तार से अपने फैसलों को सबके सामने रखेगा, वहीं देश में चल रहे मौजूदा मामलों को लेकर रणनीति बनाई गई है।

इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं और स्थानीय डीएम को आदेश देना चाहते हैं कि जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। लेकिन, लोगों को नमाज से ना रोका जाए। दरअसल ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है।

 

एमएसके/एएनएम

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Created On :   18 May 2022 12:00 AM IST

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