पूरे देश के लिए किया था ये बड़ा काम, इसलिए राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनता है सरदार का वल्लभ भाई पटेल का जन्मदिन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। भारत के “लौह पुरुष” सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को यादगार बनाने के लिए 2014 में भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी। इस साल स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल की 146वीं जयंती है।
पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 560 रियासतों को मिलाकर भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण रोल अदा किया था। वह स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने थे, राष्ट्र को एकजुट करने के लिए पटेल ने कई प्रयास किए थे जिसे देखते हुए इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2014 से, सरकार वल्लभभाई पटेल के योगदान का सम्मान करने के लिए 31 अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है।
क्यों जरूरी है राष्ट्रीय एकता?
भारत एक विविधताओं से भरा देश है, यहां पर धर्म, संस्कृति, परंपराएं और भाषाएं एक अहम भूमिका निभाती हैं। यह देखते हुए देश की एकता को बनाए रखना एक खास पहलू है। इस दिन का उद्देश्य भारतीय इतिहास में पटेल के योगदान के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इस दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रम, वेबिनार और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
क्या है इस दिन का महत्व?
2014 में भारत के गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर एक आधिकारिक बयान देते हुए कहा था "इस दिन को हमारे राष्ट्र की ताकत के रूप में याद किया जाएगा और यह हमारी सुरक्षा, एकता और अखंडता के खिलाफ सामने आने वाले खतरों के प्रति हमारे देश के लचीलेपन की मदद करेगा।" उनकी याद में, भारत की एकता का एक विशाल प्रतीक, द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को गुजरात के वडोदरा में नर्मदा नदी के तट पर स्थित किया गया है। इस प्रतिमा का उद्घाटन 2018 में किया गया था।
Created On :   30 Oct 2021 11:47 AM GMT