हिजाब विवाद के पीछे जो भी अनदेखे तत्व हैं, उन पर जल्द कार्रवाई हो

Karnataka High Courts order - Whatever are the unseen elements behind the hijab controversy, they should be acted upon soon
हिजाब विवाद के पीछे जो भी अनदेखे तत्व हैं, उन पर जल्द कार्रवाई हो
कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश हिजाब विवाद के पीछे जो भी अनदेखे तत्व हैं, उन पर जल्द कार्रवाई हो
हाईलाइट
  • कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट की विशेष खंडपीठ ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली कॉलेज छात्राओं की याचिकाओं को खारिज कर दिया है और निर्देश दिया है कि सरकार उन अनदेखे तत्वों के बारे में जांच पूरी करे, जो इस मामले को उठाने के पीछे हैं।

मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति जयबुन्निसा मोहियुद्दीन खाजी की खंडपीठ के 129 पन्नों के फैसले में रेखांकित किया गया है, हम इस बात से निराश हैं कि अचानक अकादमिक अवधि के बीच में यह आखिर मुद्दा कैसे बना।

आदेश में कहा गया है कि जिस तरह से हिजाब विवाद सामने आया है, उससे इस तर्क की गुंजाइश मिलती है कि कुछ अनसीन हैंड्स यानी अनदेखे तत्व सामाजिक अशांति और असामंजस्य पैदा करने के लिए काम कर रहे हैं।

अदालत के आदेश में कहा गया है, बहुत कुछ निर्दिष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। हम चल रही पुलिस जांच पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, ऐसा न हो कि यह प्रभावित हो। हमने सीलबंद लिफाफे में हमें दिए गए पुलिस कागजात की प्रतियां देखी और लौटा दी हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले की त्वरित और प्रभावी जांच की जाएगी और दोषियों को बिना किसी देरी के सजा दी जाएगी।

पीठ के आदेश में आगे कहा गया है, प्रतिवादी की ओर से प्रस्तुतियां, उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज और रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री से, हम देखते हैं कि 2004 से ड्रेस कोड के साथ सब ठीक था।

पीठ ने कहा, हम इस बात से भी प्रभावित हैं कि मुसलमान भी अष्ट मठ संप्रदाय में मनाए जाने वाले त्योहारों में भाग लेते हैं, (उडुपी वह स्थान है जहां आठ मठ स्थित हैं)।

कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि, स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है। छात्र या छात्रा इसके लिए इनकार नहीं कर सकते हैं।

बता दें कि इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को बड़ी पीठ का गठन किया गया था। लड़कियों की ओर से याचिका दायर कर मांग की गई थी कि कक्षा में भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है।

हालांकि विशेष पीठ ने इससे पहले दिन में कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया और स्कूलों और कॉलेजों में वर्दी पर सरकारी आदेश को बरकरार रखा।

(आईएएनएस)

Created On :   15 March 2022 6:30 PM IST

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