हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला असंवैधानिक

Karnataka High Courts decision on Hijab is unconstitutional
हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला असंवैधानिक
सीएफआई हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला असंवैधानिक
हाईलाइट
  • हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है?

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के अध्यक्ष अताउल्ला पुंजालकट्टे ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा हिजाब के समर्थन में दायर याचिकाओं को खारिज करने को संविधान के खिलाफ करार दिया।अदालत के फैसले को खारिज करते हुए, पुंजालकट्टे ने कहा, हम उन छह छात्राओं का समर्थन करना जारी रखेंगे, जो हिजाब के अधिकार के लिए लड़ रही हैं।उन्होंने कहा कि यह उन बच्चों पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि वे कक्षाओं में जाएं या इससे परहेज करें। उनके माता-पिता को इस पर फैसला लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिजाब विवाद सामने आने के बाद सीएफआई ने राज्य के 21 जिलों में सर्वे किया था। सीएफआई नेता ने कहा कि 11,000 लड़कियों को शिक्षा से वंचित कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि कुरान कहता है कि महिलाओं को अपना चेहरा ढंकना चाहिए। व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। सरकार की सोच व्यापक होनी चाहिए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की नीति यहां उलट दी गई है।

इस बीच, यादगीर जिले के केम्बवी में 35 छात्राओं ने हिजाब के बिना परीक्षा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना शफी असदी ने कहा कि वह समुदाय के नेताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच में एक मुस्लिम जज था, इसके बावजूद वे इस नतीजे पर कैसे पहुंच सकते हैं कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है?

उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला स्वीकार्य नहीं है और इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने कहा कि फैसला छात्रों के बीच दरार पैदा करेगा और अखंडता को चुनौती देगा। एक समुदाय को निशाना बनाया गया है, धार्मिक अधिकार संवैधानिक है।उन्होंने दावा किया कि तीन तलाक, धर्मांतरण और गोहत्या पर कई तरह के कानून यह दिखा रहे हैं कि एक समुदाय को निशाना बनाया गया है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   15 March 2022 7:30 PM IST

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