झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में इमारतों के नक्शे पास करने में भ्रष्टाचार पर लिया संज्ञान, कड़ा रुख दिखाया

Jharkhand High Court took cognizance of corruption in passing maps of buildings in Ranchi, showed strong stand
झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में इमारतों के नक्शे पास करने में भ्रष्टाचार पर लिया संज्ञान, कड़ा रुख दिखाया
झारखंड झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में इमारतों के नक्शे पास करने में भ्रष्टाचार पर लिया संज्ञान, कड़ा रुख दिखाया
हाईलाइट
  • क्यों न उनकी जांच सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए?

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकायों में मकानों के नक्शे मंजूर करने में भ्रष्टाचार पर संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को दो पालियों में सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम में नक्शे पास करने की प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। अदालत ने यह भी कहा कि रांची नगर निगम और रांची रिजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरआरडीए) में भ्रष्टाचार की जितनी शिकायतें हैं, क्यों न उनकी जांच सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए?

सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश पर आरआरडीए के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार और रांची नगर निगम के आयुक्त शशि रंजन मौजूद रहे। जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ कोर्ट ने इन दोनों निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों का जिक्र करते हुए अपनी टिप्पणी में कहा कि क्यों नहीं आपको सस्पेंड कर दिया जाए? एक जनवरी 2022 से लेकर 30 नवंबर 2022 तक नई बिल्डिंगों से संबंधित वैसे नक्शों के आवेदनों के बारे में जानकारी कोर्ट में पेश करने को कहा गया है, जिन्हें किसी आपत्ति के आधार पर आरआरडीए या नगर निगम ने वापस कर दिया गया है। इसके अलावा आरआरडीए और रांची नगर निगम में तैनात जूनियर इंजीनियरों और टाउन प्लानरों की पूरी सूची भी पेश करने का आदेश दिया गया है।

कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से भी बताने को कहा है कि 29 नवंबर को एक दैनिक समाचार पत्र में रांची नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार से संबंधित खबर छपने के बाद क्या कार्रवाई की गई है? निकायों में लंबित स्वीकृत पदों पर नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र इकाई बनाने का भी कोर्ट ने सुझाव देते हुए पूछा है कि इसमें क्या किया जा सकता है? कोर्ट ने मौखिक कहा कि आरआरडीए में 1982 के बाद से कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। इसी तरह नगर निगम में भी पिछले 20 वर्षो से नियुक्ति नहीं हुई है। कांट्रैक्ट बेसिस पर कर्मियों से काम कराया जा रहा है। यह गलत है। साथ ही नक्शा से सबंधित किसी भी प्रकार की शिकायतों की सुनवाई के लिए भी एक समिति बनाने का भी सुझाव दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   1 Dec 2022 4:01 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story