जम्मू-कश्मीर: ग्रामीणों ने पकड़े लश्कर के दो खूंखार आंतकवादी, सुरक्षा बलों को सौंपा

Jammu and Kashmir: Villagers caught two dreaded terrorists of Lashkar, handed over to security forces
जम्मू-कश्मीर: ग्रामीणों ने पकड़े लश्कर के दो खूंखार आंतकवादी, सुरक्षा बलों को सौंपा
श्रीनगर जम्मू-कश्मीर: ग्रामीणों ने पकड़े लश्कर के दो खूंखार आंतकवादी, सुरक्षा बलों को सौंपा

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के तुक्सन ढोक गांव के निवासियों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो मोस्ट वांटेड आतंकवादियों को पकड़कर अनुकरणीय साहस का परिचय दिया। उन्होंने उनके हथियार छीन लिए और उन्हें सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया। ग्रामीणों के साहस के बारे में सुन जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांव के निवासियों के लिए 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पकड़े गए दो आतंकवादियों की पहचान राजौरी के दराज गांव के तालिब हुसैन शाह और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के फैजल अहमद डार के रूप में की है। इनके पास से दो एके-47 राइफल, सात ग्रेनेड, एक पिस्टल, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।

बताया जा रहा है कि लश्कर कमांडर तालिब हुसैन रजौरी जिले में पिछले दिनों हुए आईईडी विष्फोट का षड्यंत्रकर्ता था।

गांव के एक शख्स ने बताया कि मेरे भाई का फोन आया कि दो लोग आए हैं और वे उसे मारने जा रहे है। यह सुनकर मैं अपने चचेरे भाइयों के साथ वहां पहुंचा तो देखा कि आतंकी सो रहे हैं। पास में उनके बैग पड़े हुए है, जिनमें गोला-बारूद थे। ग्रामीणों ने बताया कि इस बीच उनमें से एक जाग गया और भागने की कोशिश करने लगा, हमने उसे तुरंत पकड़ लिया और रस्सियों से बांध दिया, वहीं इसकी सूचना सुरक्षाबलों को दी।

उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उन्हें पकड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले मूल निवासियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि लोग पाकिस्तान द्वारा पैदा किए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ हैं और यह मामला इसका बेहतरीन उदाहरण है।

इस साल मार्च में गृह मंत्रालय (एमएचए) ने उग्रवादियों से लड़ने के लिए जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में ग्राम रक्षा समूहों (वीडीजी) के गठन का आदेश दिया था। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर वीडीजी की संशोधित योजना के बारे में जानकारी दी थी।

एमएचए द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में, वीडीजी का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों को प्रति माह 4,500 रुपये का भुगतान किया जाएगा और इन समूहों के अन्य सदस्यों को स्वैच्छिक आधार पर 4,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा। एमएचए द्वारा तत्कालीन ग्राम रक्षा समितियों को ग्राम रक्षा समूहों (वीडीजी) के रूप में पुनर्जीवित करने का आदेश देने के बाद, कई लोगों ने इस कदम को जम्मू-कश्मीर में 32 साल लंबे पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को खत्म कर देने वाला कदम बताया।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   5 July 2022 11:01 AM GMT

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