गगनयान मिशन के लिए मॉस्को में टेक्निकल यूनिट लगाएगा ISRO, कैबिनेट की मंजूरी

Isro will set up unit in Moscow for Gaganyaan mission
गगनयान मिशन के लिए मॉस्को में टेक्निकल यूनिट लगाएगा ISRO, कैबिनेट की मंजूरी
गगनयान मिशन के लिए मॉस्को में टेक्निकल यूनिट लगाएगा ISRO, कैबिनेट की मंजूरी
हाईलाइट
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस यूनिट के लिए अपनी मंजूरी दे दी
  • गगनयान मिशन के लिए इसरो मॉस्को में एक ITLU स्थापित करेगा
  • ये यूनिट इसरो को रूस की स्पेस एजेंसी और इंडस्ट्री के साथ कोलैबोरेट करने में मदद करेगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपने महत्वकांक्षी गगनयान मिशन को तेजी देने के लिए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मॉस्को में एक इसरो टेक्निकल लायसन यूनिट (ITLU) स्थापित करेगा। ये यूनिट इसरो को रूस की स्पेस एजेंसी और इंडस्ट्री के साथ कोलैबोरेट करने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस यूनिट के लिए अपनी मंजूरी दे दी।

एक बयान में कहा गया है कि इसरो को अपने गगनयान कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए मॉस्को यूनिट की आवश्यकता है। क्योंकि गगनयान कार्यक्रम को कुछ प्रमुख तकनीकों के विकास और विशेष सुविधाओं की स्थापना की जरूरत है, जो अंतरिक्ष में जीवन को सहारा देने के लिए आवश्यक हैं। ITLU यूनिट को स्थापित करने की प्रक्रिया छह महीने में पूरी होगी। इसे इसरो के वैज्ञानिक या इंजीनियर मैनेज करेंगे। इस यूनिट को मेंटेन करने के लिए इसरो प्रतिवर्ष लगभग 1.5 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया था कि भारत 2022 तक यानी अगले 4 साल के अंदर अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन भेजेगा। इस ऐलान के बाद एंस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारियां ISRO ने तेज कर दी है। भारत अपने पहले मानव मिशन में तीन यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। ये अंतरिक्ष यात्री 7 दिनों तक अर्थ के लोअर ऑर्बिट में रहेंगे। ISRO प्रमुख के. सिवन के मुताबिक, एक क्रू मॉड्यूल तीन भारतीयों को लेकर जाएगा, जिसे सर्विस मॉड्यूल के साथ जोड़ा जाएगा। दोनों को रॉकेट की मदद से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। अर्थ के लोअर ऑर्बिट में पहुंचने के लिए इसे 16 मिनट का वक्त लगेगा।

भारत को उसके इस मिशन में फ्रांस भी सहयोग कर रहा है। फ्रांस ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाते हुए भारत के साथ गगनयान पर साथ मिलकर काम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है। दोनों देशों ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक कार्यकारी समूह गठित किया है। अंतरिक्ष सहयोग के दायरे में इसरो को फ्रांस में अंतरिक्ष अस्पताल केंद्रों की सुविधा देना और अंतरिक्ष औषधि, अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी करने, जीवन रक्षा संबंधी सहयोग मुहैया कराने, विकिरणों से रक्षा, अंतरिक्ष के मलबे से रक्षा और निजी स्वच्छता व्यवस्था के क्षेत्रों में संयुक्त रूप से अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करना शामिल है।

इस मिशन में रूस ने भी भारत की हर संभव मदद करने की पेशकश की थी। भारत में रूस के राजदूत निकोलेय कुदाशेव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि "यह बहुत खुशी की बात है कि भारत अंतिरक्ष में मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है। हम भारत के इस मिशन में साझेदार बनकर बेहद खुश होंगे। रूस भारत को इस मिशन में हर सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार है। खासकर अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग में रूस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रूसी वैज्ञानिक इस मिशन में सुरक्षा और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में भी अहम योगदान दे सकते हैं।"

कैबिनेट ने बुधवार को बोलीविया और बहरीन के साथ स्पेस एक्सप्लोरेशन और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए आउटर स्पेस के उपयोग को लेकर मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) को भी मंजूरी दी। MOU दोनों देशों को स्पेस एप्लिकेशन जैसे रिमोट सेंसिंग, सैटेलाइट कम्यूनिकेशन और सैटेलाइट-बेस्ड नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज, अंतरिक्ष यान का उपयोग, स्पेस सिस्टम और ग्राउंड सिस्टम में एक दूसरे का सहयोग करने के लिए सक्षम करेगा।

Created On :   1 Aug 2019 12:40 AM IST

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