इशरत जहां एनकाउंटर: CBI कोर्ट से डीजी वंजारा और एनके अमीन बरी
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। इशरत जहां एनकाउंटर केस में CBI कोर्ट ने सेवानिवृत्त पुलिस अफसरों डीजी वंजारा और एनके अमीन को बरी कर दिया है। इस मामले में गुजरात सरकार ने दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, इसलिए विशेष अदालत ने दोनों को आरोप मुक्त कर दिया। अदालत ने 16 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने विशेष सीबीआई अदालत से कहा था कि इशरत जहां और तीन अन्य लोगों को फर्जी एनकाउंटर में मारने वाले पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए, लेकिन गुजरात सरकार ने उन दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी।
गौरतलब है कि 15 जून 2004 को मुंब्रा निवासी 19 वर्षीय इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर को अहमदाबाद के पास पुलिस ने एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था। इशरत जहां के कथित मुठभेड़ मामले में दोनों सेवानिवृत्त अधिकारी आरोपी थे। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि राज्य सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की सीबीआई को मंजूरी नहीं दी है, जो सीआरपीसी की धारा 197 के तहत जरूरी है। लिहाजा उनके खिलाफ मामले की सुनवाई को बंद किया जा सकता है।
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों पूर्व अधिकारियों को बरी करने की मांग करने वाले आवेदन को भी खारिज कर दिया। तब अदालत ने सीबीआई से पूछा था कि वो अपना रूख स्पष्ट करें। क्या वो दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति चाहते हैं या नहीं। फिर सीबीआई ने दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन गुजरात सरकार ने बीते मार्च में सीबीआई की मांग को ठुकरा दिया था। वंजारा और अमीन उन सात आरोपियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ इस मामले में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किए थे। वंजारा पूर्व डीआईजी हैं और एनके अमीन रिटार्यड एसपी है।
Created On :   2 May 2019 1:12 PM IST