वॉर गेम्स के लिए फ्रांस जाएंगे भारतीय वायुसेना के सुखोई जेट, राफेल भी होंगे शामिल
- फ्रांसीसी वायुसेना के साथ वॉर गेम एक फ्रांसीसी एयरबेस पर आयोजित करने की योजना है
- भारतीय दल को वॉर गेम्स में राफेल विमानों के साथ उड़ान भरने का मौका मिलेगा
- भारतीय वायुसेना के सुखोई फ्रांस के राफेल के साथ वॉर गेम्स में भाग लेने के लिए फ्रांस जाएंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट इस महीने के अंत में फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमान के साथ गरुड़-सीरीज एरियल वॉर गेम्स में भाग लेने के लिए फ्रांस जाएंगे। दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच होने जा रहे सबसे बड़े वॉरगेम में, भारतीय दल को राफेल विमानों के साथ उड़ान भरने का मौका मिलेगा, जो इस साल सितंबर से भारतीय एयरफोर्स में शामिल होने जा रहे हैं।
भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने कहा, "फ्रांसीसी वायुसेना के साथ वॉर गेम एक फ्रांसीसी एयरबेस पर आयोजित करने की योजना है, जिसके तहत टीम महीने के अंत में रवाना होगी। बरेली स्थित 24 स्क्वाड्रन "हॉक्स" से भारत का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा इस योजना को अभी भी सक्षम अधिकारियों का फाइनल अप्रूवल नहीं मिला है।
भारत और फ्रांस ने हाल ही में अरब सागर में वरुणा सीरीज़ वॉरगेम्स के तहत नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया था, जिसमें भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमानों ने फ्रांसीसी वायु सेना के राफेल-एम के साथ भाग लिया। भारत और फ्रांस रणनीतिक साझेदार हैं और पिछले कई वर्षों में अपने रणनीतिक सहयोग को बढ़ा रहे हैं। भारत ने प्रोजेक्ट 75 के तहत अपनी नौसेना के लिए स्कॉर्पीन के रूप में फ्रांसीसी पनडुब्बियों का विकल्प भी चुना है।
भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा।
फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पहला स्क्वाड्रन अंबाला में स्थित होगा जबकि दूसरा चीन सीमा पर हाशिमारा जाएगा।
Created On :   5 Jun 2019 10:03 PM IST