भारतीय वायुसेना को मिला पहला राफेल विमान, एयरफोर्स के डिप्टी चीफ ने भरी उड़ान

Indian air force receives first rafale combat aircraft in france
भारतीय वायुसेना को मिला पहला राफेल विमान, एयरफोर्स के डिप्टी चीफ ने भरी उड़ान
भारतीय वायुसेना को मिला पहला राफेल विमान, एयरफोर्स के डिप्टी चीफ ने भरी उड़ान
हाईलाइट
  • गुरुवार को फ्रांस में दसॉ एविएशन ने पहला राफेल विमान सौंपा
  • भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ राफेल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को पहला राफेल विमान मिल गया है। गुरुवार को फ्रांस में दसॉ एविएशन ने भारतीय वायुसेना को विमान सौंपा। डेप्युटी चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने लगभग एक घंटे राफेल में उड़ान भी भरी। 

 

भारतीय पायलटों को किया प्रशिक्षित

राफेल विमान उड़ाने के लिए भारतीय पायलटों के छोटे बैचों को प्रशिक्षित किया गया है। भारतीय वायुसेना मई 2020 तक तीन अलग-अलग बैचों में 24 पायलटों को प्रशिक्षित करेगी। उल्लेखनीय है कि राफेल डील में हुई कथित घोटाले को लेकर भारत में जमकर राजनीति हुई है। 

राफेल विमान की खासियत

राफेल एक लड़ाकू विमान है। जिसका निर्माण फ्रांस कंपनी दसॉ एविएशन ने किया है। यह दो इंजन वाला मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह अधिकतम 24500 किलोग्राम भार उठाकर उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 2,130 किमी प्रति घंटा और 3700 किलोमीटर कर मारक क्षमता है। राफेल हवा से हवा और हवा से जमीन मार करने वाली मिसाइलों से लैंस है। 

भारत में कब शुरू हुई खरीद प्रकिया ?

भारतीय वायुसेना ने वर्ष 2001 में अतिरिक्त लड़ाकू विमानों की मांग की थी। रक्षामंत्रालय ने लड़ाकू विमानों की खरीद प्रक्रिया 2007 से शुरू की। तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता वाली रक्षाअधिग्रहण परिषद ने 126 विमान खरीदने के प्रस्ताव पर सहमति दी। इस सौदे की शुरुआत 5,4000 करोड़ रुपए में होनी थी। 126 विमानों में से 18 विमानों को तुरंत देने की बात थी। लेकिन बाद में किसी कारणवश सौदे की प्रक्रिया रूक गई। 

फिर क्या हुआ ?

अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस दौरे पर थे। तब 36 राफेल विमान खरीदने का फैसला किया। इसके बाद एनडीए सरकार ने साल 2016 में इस सौदे पर हस्ताक्षर किए। फिर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलैंड ने भारत का दौरा किया और राफेल विमानों की खरीद पर 7.8 अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर हुए। 

कांग्रेस ने लगाए आरोप

कांग्रेस ने राफेल सौदे पर अनियमितताओं के आरोप लगाए। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार प्रत्येक विमान को 1,670 करोड़ में खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार ने प्रति विमान 526 करोड़ रुपए कीमत में डील की थी। 

Created On :   20 Sept 2019 8:28 PM IST

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