Rafale: कल भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगी

Indian Air Force all set to induct five Rafale jets at Ambala on Thursday
Rafale: कल भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगी
Rafale: कल भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगी
हाईलाइट
  • फ्रांस के रक्षा मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे
  • भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना गुरुवार को अम्बाला एयरबेस में अपने नवीनतम राफेल लड़ाकू जेट को औपचारिक रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में शामिल करने के लिए तैयार है। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी समारोह में शामिल होंगे। समारोह के बाद पार्ली और सिंह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को और मजबूती देने के लिये अंबाला में बैठक करेंगे।

बता दें कि पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे और देश में 24 घंटों के भीतर ट्रेनिंग शुरू की गई। फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमान वायु सेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। लड़ाकू विमान पहले ही लद्दाख क्षेत्र में उड़ान भर चुके हैं और इस इलाके से परिचित हो चुके हैं, जहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में उड़ान भरनी है। देश में जो पांच राफेल पहुंचे हैं उनमें तीन सिंगल-सीटर और दो ट्विन-सीटर हैं। एयर-टू-एयर मीटियोर, एयर टू ग्राउंड SCALP और हैमर मिसाइलों से लैस राफेल के आने से भारतीय वायु सेना को अपने पारंपरिक विरोधी चीन और पाकिस्तान पर दक्षिण एशियाई आसमान में अपनी लंबी दूरी की हिट क्षमताओं के कारण बढ़त मिलने की उम्मीद है।

भारत ने 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के देश के अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे के तहत 36 राफेल के लिए अनुबंध किया है, जिसमें से अधिकांश भुगतान फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन को पहले ही किए जा चुके हैं। मनोहर पर्रिकर जब रक्षा मंत्री थे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और 2018-2019 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर 2016 में इस डील पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस डील के साइन होने के बाद विपक्ष ने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पिछले साल अप्रैल-मई में चुनाव के दौरान इस मुददे पर मोदी सरकार को जमकर घेरा गया था।

जब राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बने, तो वह दशहरा के शुभ त्योहार पर अक्टूबर 2019 में भारत के लिए पहला राफेल स्वीकार करने के लिए फ्रांस गए और विमान में भी उड़ान भरी जो पारंपरिक पूजा अनुष्ठान के साथ "पूजा" करने के बाद स्वीकार किया गया था। भारत को अगले 10-12 वर्षों में विभिन्न प्रकार के 300 से अधिक लड़ाकू विमान की आवश्यकता है जो भारतीय और विदेशी दोनों स्रोतों से मिलने की योजना है।

Created On :   9 Sept 2020 2:11 PM IST

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