हम भगवान राम नहीं जो दलितों के साथ खाएंगे तो वे पवित्र हो जाएंगे : उमा भारती
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। नेताओं द्वारा दलितों के घर भोजन करने वाली राजनीति पर केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने निशाना साधा है। एक आयोजन में उन्होंने समरसता भोज में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा है कि वे कोई भगवान नहीं है जो दलित के यहां खाकर उन्हें पवित्र कर दे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दलितों के घर भोजन करने की बजाय लोगों को अपने घर दलितों को भोजन कराना चाहिए। उमा भारती के इस बयान से राजनैतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। हालांकि इसके बाद केन्द्रीय मंत्री की ओर से इस मामले में सफाई भी पेश की गई है। उधर, यूपी में योगी सरकार के मंत्री सुरेश राणा द्वारा दलित के घर बाहर से खाना मंगवाने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंत्री ने जिस दलित के घर में खाना खाया था, उसी दलित ने बताया है कि मंत्री जी के लिए पूरा खाना बाहर से आया था, यहां तक की बर्तन भी बाहर से ही बुलवाए गए थे।
हम राम नहीं जो दलितों को पवित्र कर दें : उमा भारती
उमा भारती की यह चौंकाने वाली टिप्पणी मध्य प्रदेश के एक गांव में समरसता भोज के आयोजन के दौरान आयी। वे छतरपुर जिले के गांव ददरी में मजदूर दिवस के मौके पर संत शिरोमणी रविदास की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एवं समरसता भोज के लिए आईं हुई थी। उन्होंने रविदास जी की मूर्ति का अनावरण करने के बाद समरसता भोज को लेकर कहा कि वह दलितों के साथ खाना नहीं खाती क्योंकि वह कोई भगवान नहीं है जो उनके साथ खाना खाकर उन्हें पवित्र कर दें। उन्होंने कहा, "जब दलित हमारे घर आकर हमारे साथ बैठकर भोजन करेंगे, तब हम पवित्र होंगे। दलितों को जब मैं अपने घर बुलाकर अपने हाथों से खाना परोसुंगी, तब मैं धन्य हो जाऊंगी।"
उमा भारती के इस बयान के बाद दलित समरसता भोज की आस लेकर कार्यक्रम में पहुंचे लोग भी नाराज होकर बिना भोज किए वापस चले गए। यह कार्यक्रम ददरी के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिश्चन्द्र द्विवेदी हरसू महाराज द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर कई संत और बीजेपी नेता मौजूद थे।
बात बढ़ी तो दी सफाई
मीडिया ने केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के समरसता भोज में शामिल न होने की बात पर जब सवाल किया तो उन्होंने एक प्रेस नोट के जरिए सफाई पेश की। उमा भारती ने कहा, "मुझे ढाई बजे पापोरा जिला टीकमगढ़ पहुंचना था जो कि ददरी के कार्यक्रम स्थल से करीब डेढ़ सौ किमी दूर था। विद्या सागर महाराज के दर्शन भी करने थे इसलिए कार्यक्रम में क्षमा याचना की और भोज में भाग नहीं ले पायी।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह दलित वर्ग के लोगों को अपने घर में अपने डायनिंग टेबल पर बैठाकर भोजन कराती हैं और परिवार के सदस्य उन्हें भोजन परोसते हैं। उमा भारती ने कहा, "वो जमाना चला गया जब दलितो के घर में बैठकर भोजन करना सामाजिक समरसता का सूत्र था। अब तो राजनीति में जो दलितों और पिछड़ों के साथ भेद होता है उसमें समरसता लानी पड़ेगी।"
दलित के घर बाहर से खाना मंगवाने पर घिरे योगी के मंत्री
दलितों के घर भोजन करने की राजनीति के तहत योगी के मंत्री सुरेश राणा बुरी तरह घिर गए हैं। सोमवार को वह एक दलित परिवार के घर भोजन करने गए थे। आरोप है कि उन्होंने पूरा भोजन यहां तक की बर्तन भी बाहर से मंगवाए थे। जिस दलित के यहां उन्होंने खाना खाया तो उन्होंने खुद यूपी के मंत्री की पोल खोली है। दलित रजनीश कुमार ने कहा है, "घर में किसी को नहीं पता था कि मंत्री जी भोजन करने आए हैं। वे अचानक आए। सारा खाना बाहर से बुलवाया गया। बर्तन भी बाहर से ही आए थे।
Lohagadh(Aligarh): Rajnish Kumar, Dalit man at whose house UP Minister Suresh Rana had dinner yesterday says, "I didn"t even know they are coming for dinner,they came suddenly.All food.water and cutlery they had arranged from outside" pic.twitter.com/TIXMVtV825
— ANI UP (@ANINewsUP) May 2, 2018
Created On :   2 May 2018 2:07 PM IST