IAF की टीम जाएगी फ्रांस, राफेल ऑफिस में संभावित डेटा चोरी की करेगी जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना अपनी एक फोरेंसिक टीम को फ्रांस भेजने की योजना बना रही है। दरअसल, अज्ञात व्यक्तियों ने पिछले रविवार को फ्रांस में भारतीय राफेल परियोजना प्रबंधन टीम के कार्यालय में तोड़-फोड़ की थी। वायुसेना को संदेह है कि ये तोड़-फोड़ राफेल विमान से संबंधित डेटा चोरी के लिए की गई है जोकि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि, "एक फोरेंसिक टीम जिसमें साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ शामिल हैं को जांच के लिए भेजने की योजना है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि कोई हार्ड डिस्क या फाइलें चोरी नहीं हुई हैं।" उन्होंने कहा कि अधिकारी यह पता लगाएंगे कि राफेल परियोजना प्रबंधन टीम के कार्यालय में तोड़-फोड़ करने के बाद अज्ञात तत्वों ने कोई सॉफ्ट कॉपी चुराई या कॉपी तो नहीं की।
बता दें कि पिछले रविवार को फ्रांस में भारतीय राफेल परियोजना प्रबंधन टीम के कार्यालय में अज्ञात लोगों ने तोड़-फोड़ की थी। इस समय फ्रांस में वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी पूरी टीम के साथ है जो 36 लडाकू राफेल विमानों के उत्पादन की पूरी प्रकिया पर नजर रखे हुए हैं। यहां भारतीय वायु सेना के पायलटों को इन विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा।
फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं।
Created On :   26 May 2019 3:21 PM GMT