हिजाब विवाद: दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया जाना चाहिए

Hijab controversy: Dushyant Dave told the Supreme Court, the matter should be referred to a larger bench
हिजाब विवाद: दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया जाना चाहिए
नई दिल्ली हिजाब विवाद: दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया जाना चाहिए
हाईलाइट
  • स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के कुछ आंकड़े साझा किए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की पीठ से कहा कि उन्हें हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच को नहीं सुनना चाहिए इसके बजाय मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेजा जाना चाहिए। कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए दवे ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि उन्हें मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज देना चाहिए।

दवे ने मामले में बहस करने के लिए आवंटित सीमित समय पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, कृपया हमें बहस करने के लिए दिए गए समय पर कोई रोक न लगाएं। उन्होंने कहा कि यह मामला लाखों लोगों को प्रभावित करता हैं। दवे ने कहा कि वह आज अपनी दलीलें खत्म नहीं कर पाएंगे और यह मामला गंभीर है। बेंच ने दवे से सहमति जताई और अन्य वकीलों को सुबह के सत्र में इस मामले पर बहस करने की अनुमति दी।

कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता शोएब आलम ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि कर्नाटक सरकार के आदेश का प्रभाव यह है कि, मैं आपको शिक्षा दूंगा, आप मुझे अपना निजता का अधिकार दें। उन्होंने कहा कि राज्य व्यक्ति को निजता के अधिकार को आत्मसमर्पण करने के लिए नहीं कह सकती है। आलम ने कहा, एक तरफ मेरा शिक्षा का अधिकार, धर्मनिरपेक्ष का अधिकार और दूसरी तरफ, मुझे अनुच्छेद 21 के तहत निजता, संस्कृति आदि का अधिकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा की सुविधा के लिए राज्य का एक सकारात्मक दायित्व और कर्तव्य है। उन्होंने स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के कुछ आंकड़े साझा किए।

वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. डार ने कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि वह अदालत को कुरान के बारे में बताएंगे। पीठ ने उन्हें बताया कि याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अन्य वकीलों ने कहा था कि अदालतें कुरान की व्याख्या करने के लिए नहीं हैं। जस्टिस गुप्ता ने डार से कहा, कृपया हमें कुरान की सभी आयतों के माध्यम से न बताएं। शीर्ष अदालत कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगी, जिसमें प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   15 Sept 2022 3:30 PM IST

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