स्कूल कॉलेज में नहीं पहन सकते हिजाब, कर्नाटक में उठे हिजाब मुद्दे पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, छात्राओं की याचिकाओं को किया खारिज

स्कूल कॉलेज में नहीं पहन सकते हिजाब, कर्नाटक में उठे हिजाब मुद्दे पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, छात्राओं की याचिकाओं को किया खारिज
कर्नाटक लाइव अपडेट स्कूल कॉलेज में नहीं पहन सकते हिजाब, कर्नाटक में उठे हिजाब मुद्दे पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, छात्राओं की याचिकाओं को किया खारिज
हाईलाइट
  • हिजाब पहनना धर्म में अनिवार्य नहीं

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कनार्टक हाईकोर्ट ने  हिजाब विवाद पर अपना फैसला सुनाया। छात्राओं की याचिकाओं का  कोर्ट ने किया खारिज। कोर्ट ने कहा हिजाब पहनना धर्म का हिस्सा नहीं। 

 

इससे पहले यह माना जा रहा था कि मुस्लिम लड़कियों से संबंधित इस मुद्दों पर कोर्ट सुबह करीब 11 बजे फैसला सुना सकता है। फैसले से पहले बेंगलुरू में सभा, आंदौलन, विरोध या समारोह सभी प्रकार के सार्वजनिक समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया। आपको बता दें उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छह छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। छात्राओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया और विरोध अन्य जिलों में भी फैल गया। यह एक बड़ा विवाद बन गया और यहां तक कि तनाव भी पैदा हो गया, क्योंकि कुछ हिंदू छात्राएं भगवा शॉल ओढ़कर कॉलेज आने लगीं।  इसे लेकर उडुपी की कुछ मुस्लिम छात्राओं ने स्कूल में हिजाब  पहनने  पर लगे बैन को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। 

छात्राओं ने कोर्ट से अनुरोध किया कि क्लास के अंदर हिजाब पहनना उनकी आस्था का हिस्सा है इसलिए उन्हें में हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए। इस पर एक माह से अधिक समय से सुनवाई चल रही थी जिस पर आज फैसला आ सकता है।  फैसले के चलते कलबुर्गी में सोमवार शाम आठ बजे से 19 मार्च की सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू कर दी गई। जिले के सभी शेक्षणिक संस्थान 15 मार्च को बंद है। बेलगाम और चिक्कबलापुरा में धारा 144  लागू है। 

मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली कर्नाटक उच्च न्यायालय की पीठ मंगलवार सुबह हिजाब मुद्दे पर फैसला सुनाएगी। मामले को दिन के पहले पहर में सूचीबद्ध किया गया है। तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ में शामिल न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन ने तर्को और प्रतिवादों को सुनने के बाद मामले पर फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

छात्राओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि उन्हें हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए। जब हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया कि स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब या भगवा शॉल ओढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती, तब याचिकाकर्ताओं ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट से ही राहत मांगने को कहा।

Created On :   15 March 2022 3:20 AM GMT

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