हरियाणा चुनाव : कभी दुकानदार थे मनोहरलाल खट्टर,पहला चुनाव जीतकर बने CM
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। भाजपा इस बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। खट्टर के रूप में भाजपा ने पांच वर्ष में पहला गैर जाट नेता हरियाणा की राजनीति में स्थापित किया है। साल 2014 में खट्टर पहली बार विधायक बने और भाजपा ने उन्हें सीएम की कुर्सी भी दे दी। RSS पृष्ठभूमि के खट्टर को लेकर शुरुआत में कहा जाता था कि उन्हें शासन चलाने का अनुभव नहीं है। लेकिन पांच साल के उनके कार्यकाल ने साबित कर दिया कि वे राजनीति में पक्के खिलाड़ी है।
2014 में जीता पहला चुनाव
मनोहर लाल खट्टर को सीएम कुर्सी तक पहुंचाने में आरएसएस का बड़ा हाथ रहा। प्रचारक रहे खट्टर ने पहली बार 2014 में करनाल सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। मनोहर लाल ने कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 63,736 मतों से हराया था। जिसके बाद खट्टर को आरएसएस में रहने का जबरदस्त तोहफा मिला। हरियाणा के अंजान चेहरे को पहला चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी मिली।
24 साल में RSS से जुड़े
मनोहर लाल खट्टर साल 1997 में 24 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे। 27 वर्ष की आयु में वे संघ के प्रचारक बने और 14 साल तक प्रचारक रहे। वर्ष 1994 में खट्टर राजनीति में कदम रखते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली। साल 2000-14 तक सीएम बनने से पहले मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बीजेपी के महासचिव भी रहे।
पहले गैर जाट सीएम
मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले गैट जाट सीएम है। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होंने सीएम पद पर शपथ ली थी। पांच साल खट्टर के कार्यकाल में कई सवाल उठे। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद पंचकुला हिंसा पर खट्टर सरकार निशाने पर आई थी। वहीं गुर्जर आरक्षण के दौरान राज्य में हुई हिंसा पर भी सरकार पर सवाल खड़े हुए।
दिल्ली में खोली दुकान
मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई 1954 को रोहतक जिले की महम तहसील के निदाना गांव में हुआ। उनका परिवार बंटवारे के बाद पाकिस्तान छोड़कर रोहतक आया था। खट्टर की 10वीं की शिक्षा रोहतक में हुई और बाद वह दिल्ली आ गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने सदर बाजार में एक दुकान भी खोली।
Created On :   10 Oct 2019 3:24 PM IST