B'day Spl: अंतरिक्ष पहुंचे राकेश से जब इंदिरा गांधी ने पूछा- अतंरिक्ष से 'भारत' कैसा दिखता है ?
- 35 की उम्र में भरी थी अंतरिक्ष के लिए उड़ान
- भारत से अतंरिक्ष जाने वाले पहले शख्स हैं राकेश शर्मा
- राकेश शर्मा को सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया जा चुका है
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। पंजाब के पटियाला में जन्मे प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की कहानी अपने आप में दिलचस्प है। तीन अप्रैल, 1984 को सोवियत संघ के अंतरिक्ष अभियान सोयुज टी-11 के तहत राकेश सोवियत संघ के अंतरिक्ष यात्रियों यूरी मालिशेव और गेनादी स्ट्रेकालोव के साथ अंतरिक्ष गए। अंतरिक्ष से आने के बाद राकेश शर्मा वायुसेना से विंग कमांडर के पद से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद वह हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से चीफ टेस्ट पायलट के तौर पर जुड़े। वह पहले स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण से भी जुड़े रहे।
अंतरिक्ष में बिताए 7 दिन
राकेश शर्मा ने सल्युत-7 में सात दिन, 21 घंटे, 40 मिनट बिताए थे। इस दौरान तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने वहां करीब 43 शोध किए। वहीं जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से सवाल किया कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? तो उन्होंने जवाब दिया, बेशक, "सारे जहां से अच्छा"। राकेश के इस जवाब के बाद वो देश भर में चर्चा में आ गए।
दोनों देशों ने किया सम्मानित
अंतरिक्ष से लौटने पर भारत सरकार ने शांतिकाल के दौरान दिए जाने वाले सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार अशोक चक्र से उन्हें सम्मानित किया। तो वहीं, सोवियत संघ ने उन्हें "हीरो ऑफ सोवियत संघ" सम्मान से नवाजा।
कैसा रहा निजी जीवन?
भारत के पहले और विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ था। राकेश बचपन से ही विज्ञान में काफी रूचि रखते थे। बिगड़ी चीजों को बनाना और इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर बारीकी से नजर रखना उनकी आदत थी। राकेश जब बड़े हुए तो आसमान में उड़ते हवाई जहाज को तब तक देखा करते थे जब तक वह उनकी आंखो से ओझल ना हो जाए। जल्द ही राकेश के मन में आसमान में उड़ने की तमन्ना जाग गई फिर वह उसी ओर लग गए। पटियाला के एक हिंदू गौड़ ब्राह्मण परिवार में जन्में राकेश ने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।
पाकिस्तान से युद्ध के बाद चर्चा में आए
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान राकेश शर्मा ने अपने विमान "मिग एअर क्रॉफ्ट" से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। इसी युद्ध के बाद से राकेश शर्मा चर्चा में आए और लोगों ने उनकी योग्यता की जमकर तारीफ की। शर्मा ने दिखा दिया था कि कठिन परिस्थितियों में भी किस तरह शानदार काम किया जा सकता है।
Created On :   12 Jan 2020 5:14 PM IST