MSP पर विचार करे सरकार, 26 जनवरी ज्यादा दूर नहीं
- प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी कहा जाता है
- सरकार हमें खालिस्तानी और नक्सलियों के नामों से बुलाती है
डिजिटल डेस्क, मुंबई। संयुक्त किसान मोर्चा और महाराष्ट्र के किसान संघों की महापंचायत में आए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने एमएसपी पर सरकार को दिमाग ठीक करने और बातचीत की मेज पर आने की चेतावनी दी। टिकैत यहीं नहीं रुके, उन्होंने वॉर्निंग के लहजे में कहा कि 26 जनवरी ज्यादा दूर नहीं है, हजारों टैक्ट्रर दिल्ली की ओर का इतजार कर रहे हैं। किसानों का धरना कब समाप्त होने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार बातचीत की मेज पर नहीं आती, तब तक किसानों का प्रदर्शन खत्म नहीं होने वाला। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम न्यूतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून समेंत छह मांगों पर सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए कह रहे हैं। सभा के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आजाद मैदान किसानों के विरोध प्रदर्शन का ऐतिहासिक स्थल रहा है. मैं पालघर गया था, जहां आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है, उनकी जमीन छीनी जा रही है।
मुझे खालिस्तानी कहा जाता है
बात दें कि राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हमें खालिस्तानी और नक्सलियों जैसे नामों से बुलाती है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी कहा जाता था, लेकिन हम एकजुट रहे। बीता साल आसान नहीं था, इसे सफल बनाने का श्रेय शहीद हुए किसानों को जाता है।
कृषि कानूनों का खात्मा, मुद्दों का अंत नहीं
बता दें कि टिकैत ने कहा कि सरकार अलग-अलग साजिशें कर रही है। कृषि कानूनों को वापस लेना किसानों के मुद्दों का अंत नहीं है। सरकार एमएसपी लागू करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि कॉरपोरेट्स ने खाद्यान स्टोर करने और सस्ती दरों पर खाद्यान खरीदने के लिए बडे़ गोदाम खरीद रखे हैं।
हमें रोकोगे तो हम आपकी बैठक रोक देंगे
बता दें कि राकेश टिकैत ने कहा कि मुझसे पूछा जाता है कि आप महाराष्ट्र और यूपी क्यों जा रहे हैं। लेकिन मैं बता दूं कि ये भारत है, कोरिया नहीं है कि हमें परमिट लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर आप हमारी बैठक रोकने की कोशिश करेंगे, तो हम आपकी बैठक रोक देंगे। हम एक मेज पर बातचीत करना चाहते हैं, हम कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। टिकैत ने कहा महाराष्ट्र में एसटी कर्मचारियों का विरोध हो रहा है। महाराष्ट्र सरकार को निजीकरण की ओर नहीं जाना चाहिए।
Created On :   28 Nov 2021 11:08 PM IST