दिल्ली के प्रदूषण को लेकर हाई-लेवल मीटिंग, कैबिनेट सेक्रेटरी रोजाना रखेंगे हालात पर नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पी.के. मिश्रा ने रविवार को दिल्ली के प्रदूषण संकट को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई जिसमें दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में तय किया गया है कि कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा प्रदूषण के हालात पर लगातार नजर रखेंगे। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को हर रोज अपने-अपने राज्यों के जिलों में प्रदूषण के हालात पर लगातार मॉनिटर करने के लिए भी कहा गया है।
प्रदूषण से निपटने से लिए 300 टीमें बनाई गई है। ये टीमें लगातार काम कर रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 7 औद्योगिक समूहों और प्रमुख यातायात गलियारों पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया गया है। केंद्र निर्माण गतिविधियों के अलावा प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स और कचरे को जलाने पर कड़ी नजर रखे हुए है। इससे पहले 24 अक्टूबर को प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने स्थिति की समीक्षा की थी।
बता दें कि सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार इस सीजन में पहली बार रविवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हल्की बूंदाबांदी के बावजूद सुबह 10 बजे 625 के उच्च स्तर पर पहुंच गया। धीरपुर में, AQI 509 था, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में यह 591 था। दिल्ली के प्रसिद्ध चांदनी चौक क्षेत्र में, AQI 432 दर्ज किया गया जबकि लोधी रोड में यह 537 था। सुबह 10.35 बजे, नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 487 था, जबकि ग्रेटर नोएडा का स्तर 470 था।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कक्षा 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 4 और 5 नवंबर को गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने प्रदूषण स्तर में स्पाइक के मद्देनजर बंद रहने का आदेश दिया है। प्रशासन ने कहा कि दिवाली के बाद से पार्टिकुलेट मैटर 2.5 और 10 का स्तर हवा में अत्यधिक हो गया है, जिसके कारण ओवरऑल एयर क्वालिटी में बड़ी गिरावट आई है।
लो विजिबिलिटी (करीब 300 मीटर) के कारण, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई उड़ानें डायवर्ट कर दी गई। एयरपोर्ट की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "खराब मौसम के कारण, दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर सुबह 9 बजे से फ्लाइट ऑपरेशन प्रभावित हुआ। लो विजिबिलिटी के कारण, 32 उड़ानों को डायवर्ट किया गया है।"
उधर, पंजाब व हरियाणा में पराली जलाना जारी है। दोनों राज्यों में रविवार को धुंध की परत छाई रही, इसके साथ ही पीएम 2.5 का स्तर काफी ज्यादा हो गया है और कई जगहों पर यह 800 पार हो गया है। पीएम 2.5, हवा में छोटे कण होते हैं जो दृश्यता को घटाते है और इसके स्तर के ज्यादा होने से धुंध बनती है।
औद्योगिक शहर मंडी गोबिंदगढ़ में सुबह 7.30 बजे पीएम 2.5 एक्यूआई 844 पर था, जो राज्य में सबसे खराब था। वेबसाइट ब्रीजो के अनुसार, तुलनात्मक तौर पर इसके पड़ोसी औद्योगिक हब लुधियाना में दिन में सबसे ज्यादा 241 पर रहा। यह 24 घंटे में सबसे ज्यादा था।
एक अन्य शहर पटियाला में दिन के उच्च स्तर 223 पर रहा, जबकि राजधानी चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता 182 के साथ मध्यम रही। चंडीगढ़ में पीएम 2.5 का निचला स्तर सुबह 6.30 बजे 48 पर रहा।
पवित्र नगरी अमृतसर में यह 183 पर रहा, जबकि इसका उच्चतम स्तर 206 रहा। चंडीगढ़ के भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण पंजाब व हरियाणा में 7 व 8 नवंबर को छिटपुट बारिश होने की संभावना है, जिससे धुंध से राहत मिल सकती है।
Created On :   3 Nov 2019 9:02 PM IST