अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट, रईसों की लिस्ट से बाहर होना, शेयरों का गिरना, स्विस बैंक का इंकार- जानिए कैसे मुश्किलों में घिरता चला गया अडानी समूह

Gautam Adani came on the floor in just a week, showing opposition, demanding discussion in Parliament
अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट, रईसों की लिस्ट से बाहर होना, शेयरों का गिरना, स्विस बैंक का इंकार- जानिए कैसे मुश्किलों में घिरता चला गया अडानी समूह
कैसे बदले 'अडानी' के दिन? अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट, रईसों की लिस्ट से बाहर होना, शेयरों का गिरना, स्विस बैंक का इंकार- जानिए कैसे मुश्किलों में घिरता चला गया अडानी समूह
हाईलाइट
  • भरभरा कर गिर रहे हैं कपनियों के शेयर

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जब से सामने आई है तब से अरबपति गौतम अडानी की शेयर मार्केट में स्थिति कुछ खास नहीं देखी जा रही है। बीते एक सप्ताह उनके लिए काफी उतार-चढ़ाव की स्थिति वाला रहा है। जब से अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट को सामने रखा है। तभी से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर दिन-प्रतिदिन गिरते जा रहे हैं। जिसकी वजह से उनकी  रैंकिंग पर भी काफी असर पड़ा है।

हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप भी लग रहे हैं। दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां और कर्ज देने वाले बैंक अडानी समूह से सवाल पूछ रहे हैं। जिसे देखते हुए समूह ने अपना फॉलोऑन पब्लिक ऑफरिंग यानी एफपीओ को भी खत्म कर दिया है। अडानी से जुड़े मामलों की गूंज संसद से लेकर बैंकों तक हो रही है। आप आसान भाषा में समझिए कि कैसे इतना बड़ा कारोबारी साम्राज्य और भारत का बिजनेस घराना विवादों में घिरता जा रहा है।

भरभरा कर गिर रहे हैं कपनियों के शेयर

अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर कंपनी है, जिसका नाम हिंडनबर्ग है। जिसने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिसर्च की थी। कंपनी ने 24 जनवरी को 106 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसने अडानी ग्रुप पर ओवरवैल्यूड होने का आरोप लगाया था। इसके अलावा अडानी समूह पर शेल कंपनियां बनाकार स्टॉक्स में हेरफेर और धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया था। ठीक इसके अगले दिन यानी 25 जनवरी को अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयर भरभरा कर गिरने लगे थे। लेकिन 26 जनवरी को शेयर बाजार बंद रहा। इसी बीच अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के खिलाफ बताया था। हालांकि, यह सफाई बेकार रही और अगले दिन ही शेयर मार्केट खुलते ही ग्रुप की कंपनियों के शेयर एक बार फिर गिरते हुए दर्ज किया गया । 

रिपोर्ट को बताया कैल्कुलेटेड अटैक 

इस पूरे मामले पर 28 जनवरी को मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशल ने हिंडबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर अडानी समूह की सिक्योरिटीज पर फीडबैक मांगा था। वर्तमान समय में गौतम अडानी समूह से जुड़ी आठ कंपनियां एमएससीआई स्टैंडर्ड सूचकांक का हिस्सा हैं।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर आधिकारिक तौर पर अडानी समूह ने 29 जनवरी को 413 पन्नों का बयान जारी किया था। जिसमें हिंडनबर्ग के रिपोर्ट में किए गए दावों को सिरे से नकारते हुए इसे भारत पर कैल्कुलेटेड अटैक बताया था। ठीक इसके बाद हिंडनबर्ग ने भी एक बयान जारी किया था। उसने कहा था कि हमारी रिपोर्ट में उठाए गए अधिकांश सवालों के जवाब अडानी ग्रुप देने में असफल रहा है।  

टॉप 15 से भी हुए बाहर

रिपोर्ट के आने के बाद दुनिया की अमीरों की सूची में भी काफी असर पड़ा है। गौतम अडानी से दुनिया के दूसरे सबसे अमीर का ताज तो छिना साथ ही वो एशिया के सबसे रईस का खिताब भी गंवा बैठे हैं। इसी के साथ अडानी टॉप 15 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। बता दें कि, गरम माहौल के बीच बुधवार को अडानी ग्रुप ने एक अहम फैसला लिया। अडानी एंटरप्राइजेज ने नैतिक आधार का फैसला बताते हुए एफपीओ को रद्द करने का एलान कर दिया। एफपीओ को रद्द करने के बाद फोर्ब्स ने भी एक बयान जारी किया। फोर्ब्स के मुताबिक, अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को मैनेज करने के लिए जिन 10 कंपनियों को रखा गया था। इनमें से दो कंपनियां ऐसी हैं, जिनका जिक्र हिंडनबर्ग के रिपोर्ट में भी किया गया है।

स्विट्जरलैंड के बैंकों ने भी दिया झटका

गौतम अडानी समूह को स्विट्जरलैंड के बैकों ने भी झटका देना शुरू कर दिया है। निवेश बैकिंग कंपनी क्रेडिट सुइस ने अपने निजी बैकिंग ग्राहकों को मार्जिन लोन के लिए जमानत के रूप में दी जाने वाली अडानी समूह के बॉन्ड को स्वीकार करने से मना कर दिया है। इसी के नक्शे कदम पर सिटीग्रुप इंक ने भी काम करना शुरू कर दिया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, सिटीग्रुप इंक ने भी गौतम अडानी की फर्मों के समूह की सिक्योरिटीज को स्वीकार करना बंद कर दिया है।

एसबीआई ने भी पूछा सवाल

दरअसल, अब पूरे मसले पर भारतीय रिर्जव बैंक भी एक्टिव मोड में नजर आ रही है। अडानी समूह से बैंक ने उनके कर्ज को लेकर डिटेल मांगी है। जबकि इस पूरे मसले पर राजनीति भी गरमाती हुई दिखाई दे रही है। विपक्ष संसद से सड़क तक लामबंद दिखाई दे रहा है। 

 

Created On :   2 Feb 2023 6:34 PM IST

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