Farmers Protest: किसानों के प्रोटेस्ट का आज चौथा दिन, प्रदर्शनकारियों ने ठुकराया अमित शाह का प्रस्ताव

Farmers Protest: किसानों के प्रोटेस्ट का आज चौथा दिन, प्रदर्शनकारियों ने ठुकराया अमित शाह का प्रस्ताव
हाईलाइट
  • कुछ किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हैं तो कुछ दिल्ली के निराकारी समागम मैदान में मौजूद
  • किसान 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं
  • । कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। किसान 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हैं तो कुछ दिल्ली के निराकारी समागम मैदान में मौजूद हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने सभी प्रदर्शनकारी किसानों से बुराड़ी मैदान में आने के लिए कहा है और बातचीत का भी आश्वासन दिया है। हालांकि प्रदर्शनकारी किसान मानने को तैयार नहीं है।

रविवार को सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने बैठक की। इस बैठक में किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यानी कि किसान अब दिल्ली- हरियाणा के सिंधु बॉर्डर से बुराडी के निराकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा। 

 

 

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान चार दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि किसानों की हर समस्या और मांग पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि पंजाब की सीमा से लेकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर जो किसान भाई आंदोलन कर रहे हैं, उन सभी से मैं अपील करना चाहता हूं कि भारत सरकार आपसे चर्चा के लिए तैयार है।  

अमित शाह ने कहा था अलग-अलग जगह नेशनल और स्टेट हाइवे पर किसान भाई अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ इतनी ठंड में खुले में बैठे हैं। इन सब से मैं अपील करता हूं कि दिल्ली पुलिस आपको एक बड़े मैदान में स्थानांतरित करने के लिए तैयार है, जहां आपको सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाएं मिलेंगी। अगर आप रोड की जगह निश्चित किए गए स्थान पर अपना धरणा-प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढ़ंग से, लोकतांत्रिक तरीके से करते हैं तो इससे किसानों की भी परेशानी कम होगी और आवाजाही कर रही आम जनता की भी परेशानी कम होगी।

अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है। 

दरअसल, सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए है। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार MSP हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।

Created On :   29 Nov 2020 10:16 AM IST

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