पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के पास पूर्व गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं

Former Police Commissioner Param Bir Singh has no evidence against former Home Minister Deshmukh
पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के पास पूर्व गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं
अनिल देशमुख मामला पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के पास पूर्व गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं
हाईलाइट
  • परम बीर का हलफनामा मेरे पास कोई सबूत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने कहा है कि उनके पास राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को साझा करने के लिए और कोई सबूत नहीं है। पुलिस के पूर्व आयुक्त सिंह ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे जांच आयोग के समक्ष हलफनामा दायर करके कहा है कि उनके पास इस मामले में साझा करने के लिए और कोई सबूत नहीं है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी सिंह ने एक पूर्व सुनवाई में न्यायमूर्ति के. यू. चांदीवाल आयोग के समक्ष 13 अक्टूबर को एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि उनके पास कोई और सबूत नहीं है।

यह खुलासा ऐसे समय पर सामने आया है जब दो दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा देशमुख को गिरफ्तार किया गया था। सिंह के आरोपों के बाद सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने देशमुख से पूछताछ की और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वह अब 6 नवंबर तक एजेंसी की हिरासत में हैं। आयोग के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मार्च में लिखे अपने मूल पत्र को छोड़कर सिंह ने तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ लगाए आरोपों से संबंधित कोई और सबूत साझा करने से इनकार कर दिया है। आरोप लगने के बाद देशमुख ने अप्रैल में मंत्री पद छोड़ दिया था।

देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि सिंह के पास पूर्व मंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और बिना सबूतों के ही उन्होंने आरोप लगाए थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 72 वर्षीय वरिष्ठ नेता देशमुख ने लगातार सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और सवाल किया है कि शिकायतकर्ता परम बीर सिंह कहां हैं।  जिन्होंने उन पर झूठे आरोप लगाए और फिर गायब हो गए। देशमुख ने कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में परम बीर के देश छोड़कर चले जाने का अंदेशा जताया गया है।

राकांपा नेता और विधायक शशिकांत शिंदे ने कहा कि आईपीएस अधिकारी सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया था कि देशमुख उनके झूठे आरोपों का शिकार हैं। उसके बाद आरोप लगाने वाला परम बीर सिंह  ही अब लापता हो गया है। शिंदे ने मीडियाकर्मियों से कहा सिंह ने केवल एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया था। यह अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया जा चुका है कि देशमुख निर्दोष हैं।

सिंह ने जांच आयोग द्वारा जारी कई समन की अनदेखी की और एक जमानती वारंट को भी दरकिनार कर दिया था। इसके अलावा सिंह को मुंबई और पुणे की एक अदालत द्वारा जारी किए गए दो गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पुलिस द्वारा दर्ज किए गए जबरन वसूली के कुछ मामलों में उनका नाम शामिल है।

परम बीर सिंह के सीएम को लिखे पत्र के आधार पर सीबीआई और ईडी ने पिछले कुछ महीनों में देशमुख के मुंबई और नागपुर के घरों में कई बार छापे मारे और ईडी के सामने पेश होने के बाद उन्हें 1 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। वह शनिवार तक ईडी की हिरासत में हैं। सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी ने देशमुख की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे विपक्ष शासित सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने और उन्हें अस्थिर करने की भारतीय जनता पार्टी की रणनीति करार दिया है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   3 Nov 2021 8:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story