हत्यारे बाघ की खोज में जुटी वन विभाग की टीम, मसीनागुडी और सिंगारा इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी

Forest department team engaged in search of killer tiger in Tamil Nadu
हत्यारे बाघ की खोज में जुटी वन विभाग की टीम, मसीनागुडी और सिंगारा इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी
तमिलनाडु हत्यारे बाघ की खोज में जुटी वन विभाग की टीम, मसीनागुडी और सिंगारा इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। एमडीटी 23 कोडनेम एमडीटी 23 के हत्यारे बाघ का पता लगाने और उसका शिकार करने के लिए खोज में जुटी वन तलाशी टीम ने अब तमिलनाडु के मसीनागुडी और सिंगारा इलाकों में अपनी खोज बढ़ा दी है। हत्यारे बाघ को ट्रैक करने के लिए दो कुमकी हाथियों को सेवा में लगाया गया है। वन क्षेत्रों में फैली टास्क फोर्स में हाथी, उदयन और श्रीनिवास फिर से शामिल हो गए हैं। मुख्य वन्यजीव वार्डन, तमिलनाडु, शेखर कुमार नीरज ने शनिवार को गुडलुर में वन क्षेत्र की सीमा से लगे गांव के इलाकों में चार पुरुषों और 12 मवेशियों की मौत के बाद स्थानीय लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद बाघ को मारने का आदेश दिया था।

वन अधिकारियों के अनुसार, बाघ स्वस्थ नहीं है और इसलिए वह जंगल में अपने शिकार का शिकार करने में सक्षम नहीं है और उसने अपने शिकार को आसानी से खोजने के लिए मानव बस्तियों में जाने की आदत बना ली है। बाघ अब तक चार आदमियों को मार चुका है। तलाशी टीम में शामिल वन अधिकारियों ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, बाघ भूखा है और हमारी जानकारी के अनुसार उसने पिछले बहत्तर घंटों से खाना नहीं खाया है और निश्चित रूप से बाहर निकल जाएगा। तमिलनाडु वन विभाग के लगभग 60 वन कर्मी और केरल वन विभाग के टाइगर ट्रैकर पिछले कुछ दिनों से बाघ का शिकार करने के लिए अभियान में हैं, लेकिन बाघ नहीं मिल रहा है। टीम का नेतृत्व तमिलनाडु के मुख्य वन्यजीव वार्डन शेखर कुमार नीरज कर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा सिंगारा के पास के जंगल में एक कमजोर बाघ की मौजूदगी की सूचना के बाद, इस क्षेत्र से तलाशी अभियान शुरू किया गया।

वन आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, कुछ बयानों पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है। लेकिन हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और जानवर को पाने के लिए पूरे जोश में हैं। उम्मीद है कि यह सफल हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने रविवार को वन भूमि के भीतर पांच किमी के दायरे में तलाशी ली, लेकिन जानवर का कोई पता नहीं चला। ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन जानवर का पता नहीं चल सका है। हम एमडीटी 23 को उसकी धारियों से ट्रैक कर रहे हैं और इस बाघ का प्रिंटआउट सभी टीमों को वितरित कर दिया है। मसानीगुडी-थेप्पाकाडु मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा जिससे क्षेत्र में पर्यटकों की आमद में कमी आई।

(आईएएनएस)

Created On :   4 Oct 2021 12:01 PM IST

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