बेटी अंकिता की हत्या से टूट गए पिता, कहा - हत्यारों को फांसी दो, तब तक थाने से नहीं हिलूंगा
- हत्यारोपियों को फांसी नहीं मिलती वे लक्ष्मणझूला थाने से वापस नहीं जाएंगे
डिजिटल डेस्क, देहरादून। अंकिता भंडारी के लिए आज पूरा उत्तराखंड रो रहा है। मगर जरा सोचिए उस पिता के दिल पर क्या बीत रही होगी जिसने अपनी बेटी को खोया है। वो बेटी जो अपने पिता की मदद करना चाहती थी। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी पूरी तरह से टूट चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बेटी की हत्यारोपियों को फांसी नहीं मिलती वे लक्ष्मणझूला थाने से वापस नहीं जाएंगे। अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने थाने में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी बेटी 28 अगस्त को वनंत्रा रिसोर्ट में नौकरी करने के लिए आई थी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को पूर्व राज्य मंत्री के बेटे पुलकित आर्य और उसके साथियों ने मार दिया। जब तक उनकी बेटी के हत्यारोपियों को मौत की सजा नहीं मिलती है, तब तक वह थाने से घर वापस नहीं जाएंगे।
अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने बताया कि उनकी बेटी निर्दोष थी। उसके साथ जबर्दस्ती की गई। नौकरी कर परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी। इसलिए उन्होंने उसको नौकरी के लिए गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट भेजा था। लेकिन उनको पता नहीं था कि बेटी के साथ ऐसी दुर्घटना हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अंकिता उनकी लाडली बेटी थी। वह उनकी और परिवार की चिंता करती थी। मगर रिजॉर्ट संचालक और उसके साथियों ने उनकी बेटी की हत्या कर पूरे परिवार को सदमा दे दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मासूम बेटी के आरोपियों को फांसी नहीं दी जाएगी। तब तक वह लक्ष्मण झूला थाने में बैठे रहेंगे। बता दें कि रविवार को अलकनंदा नदी तट पर आईटीआई के पास श्मशान घाट पर अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उसके भाई ने दी। इस दौरान प्रदेशभर में आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए और रैलियां निकालीं गईं।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   26 Sept 2022 1:00 PM GMT