किसान आंंदोलन: सरकार ने भेजा लिखित प्रस्ताव, क्या होगा किसानों का फैसला ?
- APMC एक्ट और MSP पर किसानों को दिया लिखित भरोसा
- किसान आंदोलन का आज 14वां दिन
- सरकार ने किसानों को भेजा लिखित प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन 14वें दिन में प्रवेश कर चुका है।सरकार की ओर से किसानों को एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें सरकार ने अपनी तरफ से कुछ संशोधन सुझाए है। केंद्र की ओर से इस प्रस्ताव में APMC एक्ट और MSP पर किसानों को लिखित भरोसा दिया गया है।
लिखित प्रस्ताव मिलने से पहले किसान नेता हनन मोल्ला ने कहा, अगर सरकार कुछ संशोधन दे रही है तो हमारी स्थिति साफ है, अगर कानून वापस होंगे तभी हम उसे मानेंगे। अगर आज के प्रस्ताव में कुछ पॉजिटिव होता है, तो सरकार के साथ आगे बैठक हो सकती है। सरकार ने लिखित में प्रस्ताव देने को कहा है, इसलिए हम उस पर अपने साथियों से बात करेंगे।
If the writing is on amendment, our position is very clear. If it"s on repeal of the Bill, only then can we take note of it consider. That meeting (today"s meeting with Centre) is cancelled. If letter comes we consider it positive, meeting can be held tomorrow: Hannan Mollah https://t.co/CAduXcEEVd
— ANI (@ANI) December 9, 2020
9 दिसंबर को होने वाली सरकार और किसान नेताओं की बैठक को रद्द कर दिया गया है। मंगलवार शाम अचानक बुलाई गई बैठक में 13 किसान नेता शामिल हुए। जिसमें किसान नेताओं ने माना कि सरकार कानून वापस लेने के मूड में नहीं है। आज दोपहर को सिंधु बॉर्डर पर होने वाली मीटिंग में किसान आगे की रणनीति बनाएंगे।
2 घंटे चली वार्ता
मंगलवार शाम को हुई बैठक में सरकार और किसान नेताओं के बीच 2 घंटे तक वार्ता चली। बैठक में मौजूद किसान नेताओं के मुताबिक, पूसा इंस्टिट्यूट में हुई बैठक में सबसे पहले नरेंद्र सिंह तोमर ने बात रखी। उनके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखी। जिसके बाद सरकार ने कुछ बिंदुओं जैसे- किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार, प्राइवेट प्लेयर्स का पंजीकरण, प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स से जुड़ा मसला पर कानून संशोधन करने को लेकर रजामंदी दिखाई। सरकार ने लगातार इस पर जोर दिया कि बिल में जो संशोधन चाहिए वो किए जा सकते हैं। लेकिन कानून रद्द नही किया जाएगा।
Created On :   9 Dec 2020 4:41 AM GMT