Farmers Protest Day 65: कांग्रेस ने कहा, सड़कों पर उतरें राजनीतिक दल, अखिलेश बोले- भाजपा किसानों को भूखा-प्यासा रखकर हराना चाहती है
डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 65वें दिन भी जारी है। फिलहाल बॉर्डर पर किसान फिर से लौटने लगे हैं, वहीं किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थन में आसपास के इलाकों से भी लोग आने लगे हैं। इसके साथ ही किसान आंदोलन में अब राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर समर्थन करने लगी हैं और कृषि कानूनों पर राजनीति जमकर शुरू हो गई है। 26 जनवरी की हिंसक घटना के बाद लगने लगा था कि किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा, लेकिन भाजपा के कुछ नेताओं के बयान के बाद आंदोलन को एक नई धार मिलती हुई नजर आ रही है। सभी पार्टियां अब एकजुट होकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को फिर से भेजने लगी हैं।
ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए...
गाज़ीपुर बॉर्डर से राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने कहा कि, आज संसद के सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए। अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी। प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें।
झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है भाजपा
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि सबका पेट भरनेवाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है। अखिलेश ने शुक्रवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि, सबका पेट भरनेवाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं। सपा किसानों के साथ है।
इसके पहले उन्होंने लिखा कि जिस तरह छल-बल का प्रयोग कर भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन को कुचल रही है, उससे किसानों के साथ-साथ हर सच्चे भारतीय की आत्मा रो रही है। किसान अगले चुनाव में सरकार की क्रूरता का जवाब वोट से देंगे। आज भाजपा जिन किसानों को सड़क से उठा रही है, वो कल भाजपा को ही सड़क पर ले आएंगे।
ज्ञात हो कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की रद करने की मांग को लेकर जहां सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों का विरोध प्रदर्शन 65वें दिन में प्रवेश कर गया है, वहीं यूपी बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदर्शनकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वह किसानों के साथ धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को जारी धरने के बीच राकेश टिकैत ने कहा है कि हम यह जगह खाली नहीं करेंगे। हम अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार से बात करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें।
इससे पहले गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए यूपी गेट पर प्रदर्शनकारी किसानों को धरनास्थल को खाली करने का आदेश दिया है, लेकिन शुक्रवार सुबह तक हालात जस के तस हैं।
किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरें राजनीतिक दल : दिग्विजय सिंह
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने किसानों पर की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए राजनीतिक दलों से किसानों के समर्थन में ट्विटर से आगे चलकर सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, जिन 16 राजनीतिक दलों ने किसान विरोधी कानूनों के कारण राष्ट्रपति अभिभाषण का बहिष्कार किया है, उन्हें किसानों के पक्ष में ट्विटर से आगे चल कर, सड़कों पर उतरना चाहिए। राजनाथ जी, आपने टिकैत जी के पक्ष में कंधे से कंधा मिला कर किसानों के लिए संघर्ष करने का वादा किया था, अब कब करेंगे?
सिंह ने आगे कहा, भाजपा वही कर रही है जो ब्रिटिश हुकूमत ने आजादी की लड़ाई में भारत लड़ रहे सेनानियों के विरुद्ध किया था। सिडेशन का केस लगाया था। गोरे चले गए चेले छोड़ गए।
शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे व अन्य देशद्रोह मामले में नामजद
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के हिंसक ट्रैक्टर रैली के बाद एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, विनोद के जोस और अन्य को देशद्रोह के मामले में नामजद किया है। नोएडा के सेक्टर 20 थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है। इसमें कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत को लेकर गलत खबर चलाने और ट्वीट करने के लिए उन्हें नामजद किया गया है।
एफआईआर में नेशनल हेराल्ड के एडिटर-इन-चीफ जफर आगा और कारवां के एडिटर अनंत नाथ का भी नाम शामिल है। इन सभी लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, भाषा के आधार पर लोगों में वैमनस्य पैदा करना व सौहाद्र्र बिगाड़ने की कोशिश), 153बी (राष्ट्र की अखंडता के लिए संकट पैदा करना), 295ए (जानबूझकर धार्मिक भावना भड़काना), 298 (आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर किसी सम्प्रदाय अथवा धर्म विशेष के व्यक्ति की भावना को आहत करना), 504 (सामाजिक शांति भंग करना), 506 (धमकी देना), 505(2) (उपद्रव भड़काने के लिए गलत बयानी), 124ए (देशद्रोह), 34 (हिंसा भड़काने के लिए उकसाना), 120-बी (आपराधिक साजिश) और सूचना-प्रौद्यागिकी अधिनियम, 2000 के तहत नामजद किया गया है।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें एक प्रदर्शनकारी को आईटीओ के पास तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चलाते और बैरिकेड तोड़ते हुए दिखाया गया है। तेज रफ्तार के कारण ट्रैक्टर पलट भी जाता है। पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी की मौत इस हादसे में हुई।
Created On :   29 Jan 2021 11:02 AM IST