EVM-VVPAT पर विपक्ष को EC से झटका, मतगणना की प्रक्रिया में नहीं होगा बदलाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले EVM-VVPAT पर विपक्षी दलों को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। आयोग ने बुधवार (22 मई) को VVPAT की पर्चियों के मिलान को लेकर विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है। आयोग ने साफ कर दिया है कि मतगणना की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। चुनाव आयोग ने बैठक में कहा है, वीवीपैट पर्चियों की गिनती में कोई बदलाव नहीं होगा। जिस हिसाब से पहले गिनती होती थी, उसी हिसाब से होगी।
Election Commission rejects demands of opposition parties" regarding VVPAT. More details awaited pic.twitter.com/zyxETDjWOE
— ANI (@ANI) May 22, 2019
चुनाव आयोग ने विपक्ष की मांग को लेकर बैठक में फैसला लिया। बैठक में आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि, अगर आयोग विपक्षी दलों की मांग मानता है तो मतगणना में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।
चुनाव आयोग से मिले थे 22 विपक्षी दल
दरअसल एग्जिट पोल के बाद से विपक्षियों में हलचल मची हुई है। चुनाव के नतीजों से पहले ही विपक्ष ने EVM को लेकर हंगामा शुरू कर दिया है। विपक्ष की कई पार्टियों ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से मांग की थी, वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान हो। इस मुद्दे को लेकर 22 विपक्षी दलों ने मंगलवार को एक संयुक्त बैठक की थी। इसके बाद वह चुनाव आयोग से मिले थे।
मतगणना शुरू होने से पहले वीवीपैट मिलान की मांग
कांग्रेस, एसपी, टीएमसी सहित 22 दलों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि 23 मई को मतगणना शुरू होने से पहले बिना किसी क्रम के चुने गए पोलिंग बूथों पर वीवीपीएटी पर्चियों की जांच की जाए। विपक्षी दलों की मांग थी कि अगर किसी एक बूथ पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता है तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए और इसका ईवीएम रिजल्ट्स से मिलान किया जाए।
100 फीसदी मिलान की याचिका हुई खारिज
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि ईवीएम में गड़बड़ी हो रही है। ईवीएम को बदला जा रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग ने पहले भी विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया था। आयोग ने कहा था कि ईवीएम-वीवीपैट पूरी तरह से सुरक्षित हैं। बता दें कि इससे पहले ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों में मिलान की मांग करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। चेन्नई की एक एनजीओ की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में EVM-VVPAT की पर्चियों की 100 फीसदी मिलान करने की मांग की गई थी, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा था, मुख्य न्यायाधीश की बेंच पहले ही इस पर फैसला कर चुकी है। अगर हम ऐसा करेंगे तो देश के लोकतंत्र पर असर पड़ेगा।
विपक्षियों से सुप्रीम कोर्ट से भी लग चुका है झटका
गौरतलब है कि 7 मई को 21 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। ईवीएम और वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।
Created On :   22 May 2019 8:13 AM GMT