इस सर्टिफिकेट के बगैर नहीं मिलेगी बुजुर्गों को तीसरी खुराक, जानिए बूस्टर डोज लेने की प्रक्रिया

भारत में बूस्टर डोज इस सर्टिफिकेट के बगैर नहीं मिलेगी बुजुर्गों को तीसरी खुराक, जानिए बूस्टर डोज लेने की प्रक्रिया
हाईलाइट
  • बूस्टर डोज को भारत में 'प्रिकॉशन डोज' कहा जाएगा

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए पिछल कई दिनों से बूस्टर खुराक को लेकर चर्चा की जा रही थी, जिसके बाद रविवार को केंद्र सरकार ने देश में तीसरी खुराक देने की घोषणा कर दी। मोदी सरकार ने बूस्टर डोज को भारत में "प्रिकॉशन डोज" नाम दिया है, जिसे फिलहाल फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को दिया जाएगा। बता दें कि, 10 जनवरी से बूस्टर शॉर्ट देने की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। 

लेकिन, बुजुर्गों को बूस्टर डोज लेने से पहले कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य है। इसके बाद ही उन्हें तीसरी खुराक दी जाएगी। इस सर्टिफिकेट में इस बात की जानकारी होगी कि, बुजुर्ग व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। इस सर्टिफिकेट के बाद बुजुर्गों के डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही उन्हें वैक्सीनेट किया जाएगा। बता दें कि, देश के 19 राज्यों में ओमिक्रॉन के कुल 598 मरीजों की पुष्टि की गई है। 

दूसरी खुराक और तीसरी में कितना अंतर?
फिलहाल सरकार या स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसे लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। लेकिन, रिपोर्ट्स की मानें तो, दूसरी और तीसरी डोज के बीच 9 से 12 महीने का अंतर हो सकता है। जिसका मतलब है 10 जनवरी से उन लोगों को बूस्टर शॉर्ट दी जाएगी, जिन्होंने 2020 जनवरी या मार्च के बीच दूसरी डोज ले रखी है। 

कौन से वैक्सीन का होगा बूस्टर में इस्तेमाल?
पहली और दूसरी खुराक के लिए कोविशील्ड और को-वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन, एक्सपर्ट्स की मानें तो, इस बार बूस्टर के लिए अलग वैक्सीन दी जानी चाहिए। यानि कि, अगर 2 डोज कोवैक्सीन की दी गई है। तो, तीसरी कोविशील्ड की देनी चाहिए। वहीं किसी ने 2 खुराक कोविशील्ड की ली है तो, तीसरी कोवैक्सीन की दी जानी चाहिए। 

गंभीर बीमारी नहीं फिर भी दी जाएगी बूस्टर खुराक?
जी नहीं,,,अगर आपकी उम्र 60 साल से ऊपर है और आपको किसी तरह की कोई गंभीर बीमारी नहीं है तो, आपको बूस्टर डोज नहीं दी जाएगी। आज तक की खबर के अनुसार, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा बताते है कि, बूस्टर डोज के लिए "कोमोर्बिडिटी सर्टिफिकेट" अनिवार्य है। अगर 60 साल से ऊपर के व्यक्ति डायबिटीज, कैंसर, सांस लेने में दिक्कत, कार्डियोवस्कुलर डिसीज जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे है तो, उन्हें बूस्टर शॉर्ट्स दिया जाएगा। 

 

Created On :   27 Dec 2021 5:37 AM GMT

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