ईडी ने अभिषेक बनर्जी को 29 मार्च को फिर तलब किया
- सीबीआई और ईडी कर रही है जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित कोयला घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में शामिल होने के लिए 29 मार्च को फिर से तलब किया है। जांच एजेंसी ने इससे पहले सोमवार को उनसे पूछताछ की थी। बनर्जी ने सोमवार को मीडिया से कहा था कि भाजपा एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, और वह डरते नहीं हैं।
उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी, जिन्हें मंगलवार को जांच में शामिल होना था, एक पारिवारिक मुद्दे के कारण नहीं आईं, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की देखभाल करनी थी। उन्होंने कहा था कि वह ई-मेल के जरिए जवाब देंगी। अभिषेक बनर्जी हालांकि सोमवार को जांच में शामिल हुए थे। उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी। उन्होंने कहा था, मैंने एजेंसी से कहा है कि मैं सहयोग करने को तैयार हूं, लेकिन यहां दिल्ली में क्यों? बंगाल में चुनाव हैं। भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से नहीं लड़ सकती, इसलिए वे इस प्रतिशोध की राजनीति का सहारा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा था, मैं डरने वाला नहीं हूं। भाजपा 2021 में हार गई और 2024 में फिर हारेगी। यह वॉशिंग मशीन रणनीति लंबे समय तक काम नहीं करने वाली है। अगर आप लड़ना चाहते हैं, तो लोकतांत्रिक तरीके से लड़िए। वे कई किलोमीटर दूर मुझे फोन करके परेशान कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से ये एजेंसियां काम कर रही हैं, उससे भाजपा की तानाशाही का पता चलता है। उन्होंने कहा था, मैं सत्ता में बैठे लोगों के सामने नहीं, लोगों की ताकत के सामने झुकूंगा। वे मुझे डरा नहीं सकते। वे मूर्खो के स्वर्ग में रह रहे हैं।
ईडी ने बनर्जी और उनकी पत्नी को 21 और 22 मार्च को जांच में शामिल होने को कहा था। उसकी पत्नी से अलग से पूछताछ की जानी थी। बनर्जी ने इससे पहले छह सितंबर को ईडी अधिकारियों के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था। करीब छह घंटे तक उनसे पूछताछ की गई। जांच एजेंसी, हालांकि उनके जवाब से संतुष्ट नहीं थी और उन्हें अपनी पत्नी के साथ फिर से तलब किया गया है।
पिछले साल सितंबर में बनर्जी और उनकी पत्नी ने अपने वकील के माध्यम से ईडी के समन के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी। लेकिन उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। मामले की सुनवाई के बाद 11 मार्च को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वे पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और उन्होंने इस आधार पर राहत मांगी है। ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी दलील को चुनौती दी थी। उन्होंने अदालत को बताया कि ईडी पीएमएलए के तहत किसी क्षेत्र में सीमित नहीं है। इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। दोनों एजेंसियां समानांतर जांच कर रही हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   24 March 2022 11:30 PM IST