ईडी ने राहुल गांधी को मंगलवार को फिर तलब किया, करीब 10 घंटे तक चली पूछताछ
- कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले पर सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से करीब 10 घंटे पूछताछ की। ईडी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से दो राउंड में कई सवालों पर पूछताछ की। समाचर एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी ने राहुल गांधी को मंगलवार को फिर से पेश होने को कहा है। एएनआई न्यूज के मुताबिक अब राहुल गांधी ईडी दफ्तर से अपने आवास के लिए रवाना हो चुके हैं।
— ANI (@ANI) June 13, 2022
पहले दौर की पूछताछ के बाद राहुल गांधी को दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर ब्रेक दिया गया। जिसके बाद राहुल गांधी ईडी दफ्तर से बाहर निकले और लंच करने के लिए चले गए। फिर राहुल गांधी करीब 3 बजकर 45 मिनट पर ई़डी के समक्ष पेश हुए। जहां पर राहुल गांधी ने धनशोधन रोकथाम कानून की धारा 50 के अंतर्गत अपना बयान लिखित रूप से दिया है।
— ANI Digital (@ani_digital) June 13, 2022
रॉबर्ड वाड्रा ने कही ये बात
ईडी की तरफ से जारी कार्रवाई को लेकर रॉबर्ट वाड्रा ने सरकार को घेरा और कहा कि सरकारी एजेंसियों सरकार के इशारे पर एक परिवार को परेशान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमने 15 बार एजेंसियों को जवाब दिए और 23 हजार दस्तावेज सौंपे थे। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि सितंबर 2021 में 72 बार मुझे ईडी की तरफ से नोटिस मिले थे। उन्होंने कहा कि यह एक हथकंड़ा है विरोधियों को परेशान करने का। बीजेपी इसी काम को करने में आगे है।
पैदल मार्च कर पहुंचे ईडी दफ्तर
गौरतलब है कि राहुल गांधी आज सुबह 11 बजकर 15 बजे पहले राउंड के बातचीत के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे थे। इससे पहले वह बहन प्रियंका के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे। जहां से वह पैदल मार्च कर प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर पहुंचे थे। इस दौरान राहुल गांधी के साथ बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे।
जो केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे और राहुल के खिलाफ सरकार की साजिश बता रहे थे। हालांकि ईडी ने प्रियंका और राहुल गांधी को ईडी दफ्तर तक जाने की अनुमति दी। कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता जैसे भूपेश बघेल, रणदीप सुरजेवाला, अशोक गहलोत, पी चिदंबरम को बाहर ही रोक लिया गया।
जानें नेशनल हेराल्ड मामला
गौरतलब है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ-साथ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने वर्ष 1938 में नेशनल हेराल्ड के नाम से समाचार पत्र की स्थापना की थी। इस समाचार पत्र का मुख्य उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लिबरल ब्रिगेड की चिंताओं को आवाज देना था। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित, यह अखबार देश की आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन गया था।
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने दो अन्य समाचार पत्र भी प्रकाशित किए, एक हिंदी और दूसरा उर्दू में था। हालांकि बाद में वर्ष 2008 में पेपर 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज से लद गया। जिसकी वजह से इसे बंद करना पड़ा। नेशनल हेराल्ड मामले में तीन प्रमुख नाम शामिल है। जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यंग इंडिया लिमिटेड और कांग्रेस है।
सोनिया और राहुल जमानत को मिल चुकी है जमानत
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को 19 दिसंबर, 2015 को निचली अदालत ने इस मामले में जमानत दे दी थी। वर्ष 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार करते हुए मामले के सभी पांच आरोपियों (सोनिया, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस और सुमन दुबे) को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी थी।
फोटो क्रेडिट- एएनआई
Created On :   13 Jun 2022 11:38 PM IST