सपा को लगा बड़ा झटका, वाराणसी से मोदी के खिलाफ तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द

EC issued notice to Tej Bahadur Yadav for different Information in nomination papers
सपा को लगा बड़ा झटका, वाराणसी से मोदी के खिलाफ तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द
सपा को लगा बड़ा झटका, वाराणसी से मोदी के खिलाफ तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन खारिज कर दिया गया है। तेज बहादुर ने दो हलफनामों में अपनी बर्खास्तगी से जुड़ी अलग-अलग जानकारी दी थी। इसको लेकर चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। बुधवार को जवाब के आधार पर तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है।

अब शालिनी यादव पीएम को देंगी टक्कर
निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए नोटिस का जवाब देने बुधवार को तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी तेज बहादुर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया। अब शालिनी यादव सपा की तरफ से चुनावी मैदान में मोदी को टक्कर देंगी। नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया।

EC ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
दरअसल सोमवार को दाखिल किए गए एक नामांकन पत्र की जांच करते हुए निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक ने नोटिस जारी करते हुए तेज बहादुर से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था। नोटिस में तेज बहादुर को निर्देश दिए गए थे कि वह बीएसएफ से एक अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आएं, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। EC ने इस प्रमाण पत्र को जमा करने के लिए बुधवार दोपहर तक का समय दिया था।

तेज बहादुर ने दो बार किया नामांकन
बता दें कि, तेज बहादुर ने पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 24 अप्रैल को वाराणसी से नामांकन किया था। इसके साथ दिए गए हलफनामे में उन्होंने बताया था भ्रष्टाचार के आरोप के चलते सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया। बाद में समाजवादी पार्टी का टिकट मिलने पर 29 अप्रैल को दोबारा नामांकन के वक्त तेज बहादुर ने जो हलफनामा दायर किया उसमें इस जानकारी को छुपा लिया गया। वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने इसी तथ्य को आधार बनाते हुए तेज बहादुर यादव से सफाई मांगी थी। नोटिस में कहा गया था अगर कोई व्यक्ति जो राज्य या केंद्र सरकार से भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया हो या सरकार के प्रति उसकी बगावत देखी गई हो तो उसे बर्खास्तगी की तारीख से 5 साल तक अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
 

Created On :   1 May 2019 10:58 AM IST

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