हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका में दुष्यंत चौटाला की पार्टी, जानिए 10 बड़ी बातें..
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बीजेपी ने 40 सीटों पर कब्जा जमाया है।कांग्रेस को 31 सीटें मिली है, जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 10 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 9 सीटें जीती है। बहुमत का आंकड़ा 46 सीटों का है। ऐसे में जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने साबित कर दिया है कि उनके समर्थन के बिना किसी भी पार्टी के लिए हरियाणा में सत्ता हासिल करना आसान नहीं है। हरियाणा में जेजीपी किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रही हैं।
जेजेपी और उसके प्रमुख दुष्यंत चौटाला से जुड़ी दस बातें:
1. जेजेपी हरियाणा में सत्ता हासिल करने की कुंजी है। पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा, "हमारे पास राज्य में सत्ता की कुंजी है। लोगों ने हमारी पार्टी पर भरोसा दिखाया है और यह राज्य में बदलाव का संकेत है। भाजपा का स्लोगन "75 पार "फेल हो गया है और हम उन्हें" यमुनापार" भेजेंगे।"
2. दुष्यंत चौटाला पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवी लाल के परपोते और चार बार के हरियाणा के मुख्यमंत्री और इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं। उनके माता-पिता नैना और सांसद के पूर्व सदस्य अजय चौटाला हैं।
3. इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और चौटाल परिवार में कड़वाहट के बाद दिसंबर 2018 में दुष्यंत ने जेजेपी पार्टी बना ली थी। राज्य के चुनाव परिणाम बताते हैं कि युवा नेता राज्य में एक उभरती हुई ताकत है, जिसके साथ उनकी पार्टी महत्वपूर्ण लाभ उठाने के लिए तैयार है।
4. INLD ने 2000 से 2004 तक हरियाणा पर शासन किया था। भाई-बहन अजय और अभय चौटाला के बीच लड़ाई के कारण पार्टी विभाजित हो गई। उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला छोटे बेटे अभय के साथ रहे। पिता के स्वाभाविक उत्तराधिकारी के रूप में देखे जा रहे बड़े बेटे अजय और सीनियर चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में 2013 में 10 साल के लिए जेल जाना पड़ा जिस कारण अजय को सत्ता में आने का मौका गंवाना पड़ा।
5. जल्द ही हिसार के इनेलो सांसद दुष्यंत को चाचा अभय के विरोध का सामना करना पड़ा। चाचा और भतीजे के बीच के इस विवाद ने परिवार और पार्टी को और परेशान किया। दुष्यंत ने अपने चाचा के साथ विवाद बढ़ने के बाद जेजेपी का गठन किया।
6. दुष्यंत ने अपने परदादा देवीलाल के साथ चुनाव प्रचार किया, जो 1996 में रोहतक लोकसभा सीट से मैदान में थे। मौजूदा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान, दुष्यंत ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा, "जेजेपी देवीलाल की विरासत के असली प्रतिनिधि है।" उन्होंने कहा, "पूर्व उप प्रधानमंत्री जनता के बीच "जननायक" के रूप में लोकप्रिय थे और यही कारण है कि हमने अपनी पार्टी के नाम में जननायक को शामिल किया है।"
7. दुष्यंत ने अपने कैंपेन में अधिक रोजगार के अवसरों के वादे के साथ बड़े पैमाने पर युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया। इसके विपरीत, आईएनएलडी ने अपने संरक्षक ओमप्रकाश चौटाला पर अधिक भरोसा किया, जो अपनी पैरोल पूरी करने के बाद 8 अक्टूबर को वापस जेल चले गए।
8. दुष्यंत ने पिछले लोकसभा चुनावों में जेजेपी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। वह भाजपा के उम्मीदवार बृजेन्द्र सिंह से हार गए थे। बृजेन्द्र सिंह बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं।
9. जेजेपी ने इस जनवरी में जींद उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था जिसमें वह दूसरे स्थान पर और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला तीसरे स्थान पर रहे थे।
10. दुष्यंत कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, बेकर्सफील्ड से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेजुएट हैं और लॉरेंस स्कूल, सनावर के पूर्व छात्र हैं।
Created On :   24 Oct 2019 4:21 PM IST