जम्मू-कश्मीर: 14 साल बाद BSF की तैनाती, सेक्शन 35 (A) पर सुनवाई से पहले तनाव
- जम्मू कश्मीर में लोगों को दवाई और जरूरी सामान घर में जमा करके रखने को कहा गया है।
- पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीर में केन्द्र सरकार का एक्शन
- श्रीनगर में 14 साल बाद बीएसएफ की तैनाती बढ़ी
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की 100 से ज्यादा टुकड़ियां भेजी गईं हैं। श्रीनगर में 14 साल बाद बीएसएफ की तैनाती की गई है। केंद्र सरकार की ओर से पाक समर्थक संगठन जमात-ए-इस्लामी पर कार्रवाई और पैरा मिलिटरी फोर्सेज के अचानक भारी जमावड़े के बीच कश्मीर घाटी में कयासों का दौर देखा जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में लोगों को दवाई और जरूरी सामान घर में जमा करके रखने को कहा गया है। जम्मू कश्मीर में पेट्रोल पंपों के लिए भी आदेश जारी हुआ है, प्राइवेट गाड़ियों के लिए तीन लीटर पेट्रोल और 10 लीटर डीजल की सीमा निर्धारित की गई। इससे पहले घाटी में 200 से ज्यादा अलगाववादी नेता हिरासत में लिए गए। इन अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी के बाहर की जेलों में भेजा जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी यानी श्रीनगर में शनिवार का दिन अफवाहों, आशंकाओं और अफरातफरी भरा रहा। केंद्र सरकार की ओर से पाक समर्थक संगठन जमात-ए-इस्लामी पर कार्रवाई और पैरा मिलिटरी फोर्सेज के अचानक भारी जमावड़े के बीच कश्मीर घाटी में कयासों का दौर देखा जा रहा है। इस बीच रविवार को घाटी में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अलगावावादी नेताओं ने पूर्णबंदी की अपील की है, जिसको देखते हुए सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 35A पर सोमवार को होने वाली सुनवाई को लेकर जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं ने रविवार को बंद का आह्वान किया है। इसके साथ ही पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति व्याप्त है। घाटी में तनाव और बंद के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है। पूरे श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई है और कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। हालांकि, गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त बलों की तैनाती को चुनाव पूर्व तैयारी से संबद्ध एक नियमित अभ्यास बताया है।
Created On :   24 Feb 2019 8:45 AM IST