चीन और पाकिस्तान की सीमा पर आकाश मिसाइल से निगरानी करेगा भारत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहाड़ी क्षेत्रों में खासतौर पर कश्मीर और लद्दाख में पाकिस्तान और चीन की ओर से हवाई घुसपैठ रोकने के लिए भारतीय सेना ने आकाश मिसाइल तैनात करने का फैसला लिया है। सेना के इस प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय की मंजूरी लगभग तय है। रक्षा मंत्रालय करीब 10 हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर चर्चा करेगा। इस रकम से 15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में आकाश मिसाइल सिस्टम की दो रेजीमेंट तैनात जाएंगी।
मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक इससे आकाश प्राइम की दो रेजीमेंट बनाई जाएंगी। यह सेना के पास पहले से मौजूद आकाश मिसाइल सिस्टम का उन्नत संस्करण है। नई प्रणाली की आकाश मिसाइलें पहले से ज्यादा असरदार हैं। इसे लद्दाख में तैनात करने की योजना है, जहां पाकिस्तान और चीन दोनों की सीमाएं इसकी जद में होंगी।
वर्तमान में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत लद्दाख दौरे पर हैं। उनके लौटने के बाद सेना के प्रस्ताव पर रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में चर्चा की जाएगी।
आकाश मिसाइल प्रणाली को भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (डीआरडीओ) ने तैयार किया है। अब तक सेना में यह मिसाइल बहुत सफल रही है। सेना के पास इसकी दो रेजीमेंट पहले से मौजूद हैं। अब सेना नई आकाश प्राइम की दो और रेजीमेंट शामिल करना चाहती है।
ज्ञात हो कि हाल ही में "सूर्य लंका" नाम से हुए युद्धाभ्यास में दूसरी हवाई रक्षा प्रणालियों के साथ आकाश मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस दौरान आकाश ने इजराइली मिसाइल सिस्टम समेत तमाम प्रतियोगियों से बेहतर प्रदर्शन किया था। डीआरडीओ ने 25 और 27 मई को आकाश-एमके-1 एस का ओडिशा के चांदीपुर से सफल परीक्षण किया था। यह स्वदेशी उपकरणों के साथ पहले से मौजूद आकाश मिसाइल का उन्नत संस्करण है।
Created On :   21 Oct 2019 11:17 AM GMT