Virus: कोरोनावायरस ही नहीं इन वायरसों ने दुनिया में मचाया मौत का तांडव
- कोरोनावायरस से 132 लोगों की मौत
- तिब्बत में वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ते ही जा रहा है। अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 को गई। वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या आठ हजार के करीब है। अमेरिका से लेकर भारत तक कोरोनावायरस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं। फिलहाल तिब्बत ही एकमात्र ऐसा प्रांत है, जहां वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। कोरोनावायरस ही नहीं कई वायरसों ने दुनियाभर में तबाही मचाई है। आइए जानते हैं उन वायरस के बारे में...
इबोला वायरस का नाम कागों की सहायक नदीं इबोला से पड़ा है। यह वायरस सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था। इबोला वायरस संक्रमित जानवरों के काटने या खाने से लोगों में फैलता है। पीड़ित रोगी के शरीर से निकलने वाले पसीना और खून से भी इबोला वायरस फैलता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वायरस से दुनियाभर में दस हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
साल 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार निपाह वायरस का मामला सामने आया था। इस गांव के नाम पर वायरस का नाम निपाह रखा गया। सुअर पालने वाले किसान वायरस से संक्रमित मिले थे। विशेषज्ञों के अनुसार वायरस सुअर और चमगादड़ से फैलता है। निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ अगर किसी फल या सब्जी को खा ले तो उससे फैलता है। निपाह वायरस में मरीज को बहुत तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, भयानक सिर दर्द और दिमागी बुखार होता है। भारत में साल 2018 में केरल में निपाह वायरस फैला था। केरल में निपाह के 800 से अधिक मामले सामने आए थे। वहीं 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी।
साल 1947 में अफ्रीकी विषाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक लंगूर पर रिसर्च की थी। जांच में सामने आया कि लंगूर को बुखार है, जिसमें पाए गए संक्रामक को जिका नाम दिया गया। 1954 में नाइजीरिया में एक व्यक्ति में यह वायरस पाया गया। साल 2007 में अफ्रीका और एशिया के बाहर इसके संदिग्ध मिले। साल 2018 में राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस के 25 मामले सामने आए थे। जीका वायरस मच्छर से फैलता है। जीका वायरस संक्रमिक व्यक्ति में थकान, बुखार, आंखे लाल, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकते जैसे लक्षण पाए जाते हैं।
स्वाइन फ्लू वायरस ने पूरा दुनिया में मौत का ताडंव मचाया है। इस वायरस से दुनियाभर में साल 2019 तक दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू एच1एन1 साल 2009 में सामने आया था। वर्ष 2010 तक ये पूरी दुनियाभर में फैल गया। स्वाइन फ्लू में मरीज को तेज बुखार, बर्दन दर्द, थकान, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत होती है।
Created On :   29 Jan 2020 11:03 AM IST