मार्च में कहर बरपाएगा कोरोना! विशेषज्ञों ने कही ये बात

Corona will wreak havoc in March! Experts said this
मार्च में कहर बरपाएगा कोरोना! विशेषज्ञों ने कही ये बात
कोरोना ने बढ़ाई टेंशन मार्च में कहर बरपाएगा कोरोना! विशेषज्ञों ने कही ये बात
हाईलाइट
  • ओमिक्रॉन ज्यादा घातक नहीं है
  • भ्रामक हो सकता है
  • कोराना के बढ़ते मामलो ने बढ़ाई चिंता
  • मार्च माह में कोरोना के मामलो में ज्यादा वृद्धि की आशंका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोना के नए वैरिएंटओमिक्रॉन के बढ़ते हुए मामलो के कारण टेंशन बढ़ गई है। कोरोना एक बार फिर देश में धीरे-धीरे पैर पसार रहा है। बता दें कि साल के पहले ही दिन देश में 22,755 नए कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि बीते साल 26 दिसंबर से ही कोरोना के मामलों में दैनिक बढ़ोत्तरी हो रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि महामारी की तीसरी लहर पहले ही आ चुकी है और ओमिक्रॉन ने डेल्टा वैरिएंट की जगह लेना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी या मार्च महीने में कोरोना केस अपने चरम पर हो सकते हैं, उस वक्त दैनिक मामले दो लाख के करीब तक हो सकते हैं। 

जानें विशेषज्ञों की राय

बता दें कि कोरोना के तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों ने अलग-अलग अनुमान लगाना शुरू कर दिया है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह लोगों और टीकाकरण कवरेज पर निर्भर करता है। एक प्रभावी रोकथाम रणनीति के माध्यम से ही कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है। उधर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रॉन के कारण कोरोना केस बढ़ेंगे जरूर लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा गंभीर नहीं है। कोरोना के सर्वाधिक मामले फरवरी-मार्च तक पहुंचने की संभावना है।

बता दें कि महाराष्ट्र राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. प्रदीप व्यास ने हाल ही में भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि जनवरी के तीसरे हफ्ते तक महाराष्ट्र में कुल दो लाख कोरोना केस हो सकते हैं। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि यह कहना कि ओमिक्रॉन ज्यादा घातक नहीं है, भ्रामक हो सकता है। यह उन लोगों के लिए समान रूप से घातक है जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है और उन्हें कॉमरेडिडिटीज हैं।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के मुताबिक, कोरोना के सर्वाधिक मामले मार्च माह के पहले सप्ताह में ही दर्ज होगा तथा प्रतिदिन लगभग 1.8 लाख मामले सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि 10 ऐसे मामले सामने आएंगे जिनमें से एक को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी। हालांकि सभी विशेषज्ञों का यही मानना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण कराएं व मास्क लगाना न भूलें और आवश्यक सावधानी जरूर जरूर बरतें।

Created On :   1 Jan 2022 7:20 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story